हाल ही में, All India Institute of Ayurveda (AIIA) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अस्पताल में भर्ती एक 50 वर्षीय ऑटो ड्राइवर का हार्ट ब्लॉकेज आयुर्वेदिक थेरेपी से ठीक हो गया है. नवंबर 2022 में इस ऑटो ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी लेफ्ट एंटेरियोर डिसेंडिंग आर्टरी (एलएडी) में 95% ब्लॉकेज का पता चला था.
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में लगभग चार महीने तक ट्रीटमेंट के बाद यह शख्स पूरी तरह से ठीक हो गया है. दक्षिणपूर्वी दिल्ली के जैतपुर के रहने वाले अवधेश कुमार ने कहा कि उन्हें 12 नवंबर, 2022 को दिल का दौरा पड़ा था. अब वो पूरी तरह ठीक हैं.
दिल की धमनियों में था ब्लॉकेज
अवधेश को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें सात दिनों तक भर्ती रखा गया और कुछ महीनों के इलाज के बाद डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी की जिसमें LAD में 95% रुकावट और दाहिनी कोरोनरी धमनी (RCA) में 70% मध्य रुकावट पाई गई. उन्होंने कहा कि इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें स्टेंट लगाने की सलाह दी. लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने यह प्रक्रिया नहीं कराई.
बाद में, अवधेश अपने इलाज के लिए एआईआईए गए. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 में एंजियोग्राफी की गई थी और LAD को सेगमेंट 6 में एक नॉन-कैल्सीफाइड प्लेक दिखाई पड़ा, जिससे 85-90% रुकावट हुई और RCA ने सेगमेंट 1 में एक कैल्सीफाइड प्लेक दिखा जो 5-10% ब्लॉकेज का कारण बना. सेगमेंट 2 में एक और नॉन-कैल्सीफाइड प्लेक देखा गया, जिसके कारण 65-70% अवरोध उत्पन्न हुआ.
एआईआईए के काया चिकित्सा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. दिव्या कजारिया ने कहा कि अवधेश कुमार को पंचकर्म थेरेपीज में से एक विरेचन दिया गया, जिसके बाद तीन महीने तक ऑरल दवाएं दी गईं. उन्हें 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखा गया और फिर तीन महीने की दवा दी गई. अब उसके पास LAD और RCA दोनों में 0-5% अवरोध है, जो सामान्य है.