केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. महिला कर्मचारियों को डिलीवरी (प्रसव) के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु होने की स्थिति में 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया गया है. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (DOPT) ने इसे लेकर शुक्रवार यानि 2 सितंबर को आदेश जारी किया है.
ऐसी घटनाओं का पड़ता है मां पर सीधा असर
दरअसल, ऐसी घटनाओं का असर सीधा मां के जीवन पर पड़ता है. कई बार ये उनके दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ जाता है. DOPT ने जो आदेश जारी किया है उसमें भी इसी बात का जिक्र किया गया है. आदेश में कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु से मां को पहुंचने वाली भावनात्मक चोट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
विभाग को मिले थे कई आवेदन
DOPT ने अपने आदेश में बताया कि इस मामले को लेकर उन्हें कई आवेदन मिले थे. इन आवेदनों में मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद उसकी मृत्यु होने पर अवकाश/मातृत्व अवकाश के संबंध में स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया था.
उसके बाद ही DOPT ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर ये फैसला लिया है.
मिलेगा 60 दिन का अवकाश
बता दें, मृत नवजात शिशु के जन्म या प्रसव के तुरंत बाद उसकी मौत से पहुंचने वाले सदमे को ध्यान में रखते हुए महिला कर्मचारियों को 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश देने का फैसला लिया गया है.
अगर पहले ही ले लिया गया है अवकाश?
DOPT के आदेश में यह भी कहा गया कि यदि किसी महिला कर्मचारी द्वारा पहले ही मातृत्व अवकाश का लाभ उठाया जा चुका है और उसकी छुट्टी बच्चे के जन्म के बाद मृत्यु के वक्त भी चल रही है, तो पहले से प्राप्त मातृत्व अवकाश को बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी अन्य प्रकार के अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है.
यही नहीं अगर पहले ही छुट्टी ले ली है तो उन्हें बचे हुए अन्य प्रकार के अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है. उसके बाद ये 60 दिनों का विशेष अवकाश दिया जाएगा.
(इनपुट- जितेंद्र)