रवांडा में ब्लीडिंग आईज वायरस के चलते 15 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग इससे संक्रमित हैं. इस वायरस से पीड़ित मरीज के जीने की संभावना 50-50 मानी जाती है और इसे पृथ्वी के सबसे घातक वायरस में से एक माना जाता है. ब्लीडिंग आई वायरस को साइंटिफिक लैंग्वेज में हेमोरेजिक कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है. इसे मारबर्ग वायरस के नाम से भी जाना जाता है. ये वायरस अफ्रीकन रिपब्लिक, रिपब्लिक ऑफ कांगो, गैबॉन, युगांडा और केन्या जैसे देशों में फैल चुका है.
गर्भवती महिलाएं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को खतरा ज्यादा
इस साल ब्राजील, कोलंबिया, क्यूबा, पनामा, पेरू, इक्वाडोर, गुयाना, बोलीविया और डोमिनिकन में 10,000 से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं. इस साल के शुरुआत तक यह वायरस पांच देशों में ही फैला था लेकिन ब्रिटेन में भी इसके 5 मामले सामने आ चुके हैं. गर्भवती महिलाएं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा है. लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे उन लोगों के संपर्क से बचें जो बीमार हैं या जिनके शरीर पर दाने हैं. यह बीमारी गैर-यौन और करीबी यौन संपर्क से फैलती है.
ब्लीडिंग आईज के कॉमन लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह वायरस 2 से 20 दिनों के बीच अपना प्रभाव दिखाता है. इसके लक्षणों में बुखार, गंभीर सिरदर्द, अस्वस्थता, मांसपेशियों में दर्द, पानी जैसा दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, मतली, उल्टी, बिना खुजली वाले दाने शामिल हैं. इस वायरस से पीड़ित मरीज पांचवें दिन तक उल्टी और मल में खून, नाक, मसूड़ों, योनि, आंखों, मुंह और कान से ब्लीडिंग, इंटरनल ब्लीडिंग, भ्रम, चिड़चिड़ापन जैसे अनुभव कर सकता है.
शरीर पर निकलें दानें तो सावधान हो जाएं
कई मामलों में एमपॉक्स से संक्रमित होने के 21 दिन बाद तक भी लक्षण नजर नहीं आते हैं. सबसे कॉमन और आम लक्षण दाने हैं जो एक महीने तक रह सकते हैं. यह फफोले और घाव जैसा दिखते हैं, जो चेहरे, हथेलियों, पैरों के तलवों, कमर में हो सकते हैं.
ब्लीडिंग आईज से बचाव के तरीके
यह वायरस संक्रमित लोगों की कटी त्वचा, खून, फ्लूड और आंखों, नाक या मुंह में श्लेष्म झिल्ली के संपर्क से फैल सकता है. इस वायरस के लिए कोई खास दवा या टीका नहीं बनाया गया है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि नियमित रूप से हाथ धोएं और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें और अपने हाथों को अपने चेहरे से दूर रखें. गंदे हाथों से आंखों को छूने से ये बीमारी तेजी से फैल सकती है. दूसरों का कांटेक्ट लेंस लगाने से बचना चाहिए. आंखों को और चेहरे को पोंछने के लिए साफ तौलिए और रुमाल का इस्तेमाल करना चाहिए.