ब्रेस्ट कैंसर को डिटेक्ट करने को लेकर भारत में एक बड़ी सफलता हासिल की गई है. अब ब्लड टेस्ट के जरिए भी ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया जा सकता है. 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में इस टेस्ट के जरिए ब्रेस्ट कैंसर के फर्स्ट स्टेज का पता लगाया जा सकता है. ये परीक्षण दुनिया भर में 15 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं. यह टेस्ट 99 प्रतिशत सटीकता के साथ महिलाओं में स्तन कैंसर के चरण 0 और चरण 1 का पता लगा सकता है. इसे WHO ने भी मान्यता दी है.
रक्त जांच से कैंसर का पता चलेगा
महिलाएं केवल 6 हजार रुपये में अपने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकती हैं. ये टेस्ट 40 वर्ष से अधिक उम्र की उन महिलाओं के लिए है, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं देखे जाते हैं. हालांकि यह मैमोग्राफी का विकल्प नहीं है लेकिन इस टेस्ट के जरिए पॉजिटिव आने वाली महिलाओं का इलाज तुरंत शुरू किया जा सकता है. अगर मैमोग्राफी में कैंसर पकड़ में नहीं आता है और ब्लड टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो दो महीने बाद फिर से मरीज को मैमोग्राफी के लिए बुलाया जाता है. मैमोग्राफी के बाद बायोप्सी भी की जाती है.
40 की उम्र के बाद जरूर कराएं जांच
अंतिम चरण में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगने की वजह से लगभग आधी महिलाओं की मौत हो जाती है. ऐसे में ईजीचेज नाम से शुरू किया गया ये ब्लड टेस्ट अब 99 प्रतिशत सटीकता के साथ ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकता है. जिन महिलाओं के परिवार में कैंसर के मरीज रहे हैं. उन्हें 40 की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर की जांच करानी चाहिए.
ये होते हैं ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन होना, निप्पल से तरल पदार्थ का ब्रेस्ट में किसी प्रकार की सूजन, अंडरआर्म वाली जगह पर सूजन या गांठ होना, ब्रेस्ट की त्वचा में परिवर्तन दिखाई देना भी स्तन कैंसर के लक्षण में से एक है. अगर आपके ब्रेस्ट में इस तरह के कोई लक्षण दिखे तुरंच जांच कराएं.
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
बढ़ती उम्र में महिलाओं को अपना वजन कंट्रोल रखना चाहिए.
शराब और स्मोकिंग से दूर रहें.
अपनी जीवनशैली में फिजिकल एक्टीविटी को शामिल करें.
खूब फल और सब्जियां खाएं और शरीर को हाइड्रेट रखें.