मिक्स एंड मैच करके लगाई जाएगी बूस्टर डोज! दो हफ्तों में होगा फैसला

केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर जल्द एक अहम फैसला ले सकती है. जिसमें एंटीबॉडी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज में जल्द ही मिक्स एंड मैच वैक्सीन डोज दी जा सकती है.

बूस्टर डोज
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:19 AM IST
  • बूस्टर डोज पर जल्द फैसला ले सकती है सरकार
  • देश में बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

देश भर में फिर से कोरोना का कहर बढ़ने लगा है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और मिजोरम को पत्र लिखकर आगाह किया है, साथ ही उन्हें संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सुरक्षा उपाय और निगरानी बढ़ाने को भी कहा है. कोविड के मामले तेजी से बढ़ने के बीच केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर जल्द एक अहम फैसला ले सकती है. जिसमें एंटीबॉडी बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज में जल्द ही मिक्स एंड मैच (Mix and Match) वैक्सीन डोज दी  जा सकती है. इसको लेकर  सीएमसी वेल्लोर,  Central Drug Standard Control Organisation (CDSCO)को जल्द ही एक ट्रायल डाटा पेश कर सकती है. इसी डाटा के आधार पर मिक्स एंड मैच डोज पर फैसला लिया जाएगा.

क्या है मिक्स एंड मैच डोज?
गौरतलब है कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आए दिन इसके नए-नए वेरिएंट भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि एक ही तरह की वैक्सीन, कोरोना के लगातार बदलते वेरिएंट पर कम कारगर साबित हो सकती है. अब ऐसे में बूस्टर डोज में वैक्सीन को मिक्स एंड मैच किया जा सकता है. इसको ऐसे समझा जा सकता है कि अगर किसी ने कोविशील्ड की डोज ले रखी है तो उसे कोवैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा सकती है. अलग-अलग शोध में पाया गया है कि मिक्स एंड मैच वैक्सीनेशन से एंटीबॉडी में 28-32 फीसदी तक बढ़ोतरी होती है.

हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से सीएमसी वेल्लोर को पिछले हफ्ते के अंत तक अध्ययन से सैंपल टेस्ट करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी से अनुमति मिली थी. डाटा जनरेट करने में अभी दो हफ्ते लग सकते हैं. उसी के आधार पर CDSCO को प्रेजेंटेशन दिया जाएगा.

बढ़ रहे हैं कोविड के मामले
पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना का कहर फिर से बढ़ने लगा है. जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में 90 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. विशेषज्ञों की मानें तो इस समय देश में मुख्य रूप से ओमिक्रॉन के बीए.2 सब-वेरिएंट का प्रकोप है. 

 

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