मौसम, पर्यावरण, लाइफस्टाइल, खान-पान और कई ऐसे कारकों के वजह से उम्र से पहले ही हमें बीमारियां जकड़ने लगी हैं. अब एक नई स्टडी में कमर दर्द के बारे में बताया गया है. लैंसेट रुमेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, दुनिया भर में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 2050 तक पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने की संभावना है. यानी आने वाले कुछ साल में ज्यादातर लोग कमर दर्द से परेशान होने वाले हैं.
लगातार बढ़ रहे हैं कमर दर्द के मामले
'एन एनालिसिस ऑफ द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021' स्टडी से पता चला है कि 2017 के बाद से, पीठ दर्द के मामलों की संख्या आधे अरब से अधिक दर्ज की गई है. इसके अलावा, 2020 में पीठ दर्द के लगभग 61.9 करोड़ मामले सामने आए हैं. सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि 30 साल के दौरान इकट्ठे किए गए आंकड़े एशिया और अफ्रीका में पीठ दर्द के बढ़ते मामलों में बदलाव दिखाते हैं.
पीठ के निचले हिस्से में दर्द विकलांगता का प्रमुख कारण
स्टडी में ये भी बताया गया कि 204 से अधिक देशों के 1990 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर उनके निष्कर्षों से पता चला है कि पीठ दर्द के मामलों की संख्या बढ़ रही है. मॉडलिंग से पता चलता है कि 2050 तक, 84.3 करोड़ लोग मुख्य रूप से उम्र बढ़ने के कारण इस स्थिति से प्रभावित होंगे. गौरतलब है कि कमर दर्द से स्वास्थ्य संबंधी संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि पीठ के निचले हिस्से में दर्द दुनिया भर में विकलांगता का प्रमुख कारण है.
ऐसे मिल सकता है इससे निजात
1. जल्दी सोएं और जल्दी उठें
जब आप रात को चैन की नींद सोते हैं, तो दिन में आपकी पीठ कम दर्द महसूस करेगी. 7 घंटे की एक आरामदायी नींद के कई लाभ हो सकते हैं. यह आपको तरोताजा और कम तनावग्रस्त महसूस कराता है.
2. लंबे समय तक स्थिर मुद्रा में न रहें
पोस्चर का कमर दर्द में सबसे अधिक रोल रहता है. अपनी रीढ़ और कूल्हे के जोड़ों और मांसपेशियों पर ध्यान देना जरूरी है. इसके बचने के लिए ज्यादा बैठने से बचें या काम करते समय स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करें. जब आप लंबे समय तक बैठते हैं तो आपकी रीढ़ की हड्डी की डिस्क पर दबाव बढ़ जाता है. हर घंटे उठने का टारगेट रखें.
3. योग के जरिए अपने जोड़ों और कोमल टिश्यू को धीरे-धीरे स्ट्रेच करें
योग आपकी पीठ को फैलाने, मांसपेशियों और जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करने और ब्लड सर्कुलेशन का अच्छा माध्यम हो सकता है. अपनी दिनचर्या में इसे जरूर ऐड कर लें.
4. मेडिटेशन करने का प्रयास करें
मेडिटेशन एकाग्रता में सुधार करने, फील-गुड हार्मोन (एंडोर्फिन) जारी करने और चिंता और तनाव को कम करने का एक शानदार तरीका है. माइंडफुल मेडिटेशन के जरिए आप अपने शरीर के दर्द को समझने के तरीके को नियंत्रित कर सकते हैं.