Aspergillosis: गंदी जुराबों से फेफड़ों में फंगस! कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए खतरनाक हो सकता है एस्परगिलोसिस

क्या आप भी गंदी चीजे सूंघ कर चेक करते हैं कि क्या उसमें से स्मैल या रही है या नहीं? बहुत से लोगों को ऐसी आदत होती है. ऐसी ही एक अजीब आदत ने एक शख्स को अस्पताल पहुंचा दिया.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • ली को थी जुराबें सूंघने की आदत
  • क्या है एस्परगिलोसिस और कितना खतरनाक हो सकता है?

क्या आप भी गंदी चीजे सूंघ कर चेक करते हैं कि क्या उसमें से स्मैल या रही है या नहीं? बहुत से लोगों को ऐसी आदत होती है. ऐसी ही एक अजीब आदत ने एक शख्स को अस्पताल पहुंचा दिया. चीन के चोंगकिंग शहर के रहने वाले ली क्वी को शुरुआत में सिर्फ हल्की खांसी होती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह खांसी बढ़ती चली गई. हालात ऐसे हो गए कि उन्हें कई-कई दिनों तक नींद नहीं आती.

फेफड़ों में हुआ संक्रमण
शुरुआत में उन्होंने इसे एक सामान्य आदत समझा, लेकिन जब खांसी हद से ज्यादा हो गई, तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि ली के फेफड़ों के निचले दाएं हिस्से में सूजन और संक्रमण है. ब्रोंकोस्कोपी के जरिए पता चला कि यह संक्रमण एस्परगिलस नामक फंगस के कारण हुआ है, जिसे एस्परगिलोसिस कहा जाता है.

ली को थी जुराबें सूंघने की आदत
आपको सुनकर हैरानी होगी कि ली को गंदी जुराबें सूंघने की आदत थी. ली की जुराबें लंबे समय तक पहनी जाती थीं और उनमें नमी और फफूंद बन गई थी. जुराबों को सूंघते समय ली ने फंगस के स्पोर्स को सांस के जरिए अंदर ले लिया, जिससे फेफड़ों में संक्रमण फैल गया.

क्या है एस्परगिलोसिस और कितना खतरनाक हो सकता है?
एस्परगिलोसिस एक तरह का फंगल इंपेक्शन है, जो Aspergillus नाम के फंगस के कारण होता है. यह फंगस हमारे वातावरण में सामान्य रूप से मौजूद होता है जैसे कि मिट्टी, सड़ी-गली पत्तियों, कम्पोस्ट, और नम कपड़ों (जैसे गीली जुराबों) में. अधिकतर लोग इस फंगस के संपर्क में आते हैं, लेकिन उनका इम्यून सिस्टम इसे खुद ही ठीक कर लेता है. स्वस्थ व्यक्ति के लिए इन फंगस के संपर्क में आना आमतौर पर हानिकारक नहीं होता, लेकिन अगर किसी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या पहले से फेफड़ों की समस्या है, तो यह फंगस गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है.

एस्परगिलोसिस के लक्षण
एस्परगिलोसिस के लक्षणों में लगातार खांसी, थकान, बलगम के साथ खून आना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं. कुछ मामलों में यह संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है.

इलाज और सावधानियां
ली क्वी का इलाज वोरिकोनाजोल नामक एंटी-फंगल दवा से शुरू किया गया. डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज मिलने से मरीज की स्थिति में सुधार होता है, लेकिन देरी से यह संक्रमण फैल सकता है और नियंत्रण मुश्किल हो सकता है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ऐसी जगहों से दूर रहना चाहिए जहां फंगस विकसित हो सकता है. नियमित साफ-सफाई, हवादार वातावरण और व्यक्तिगत स्वच्छता अपनाकर ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है.

 

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