कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद क्या सर्जरी करवा सकते? या क्या महिलाएं सिजेरियन सर्जरी करवा सकती हैं? ऐसे सवाल अक्सर सभी के मन में आते हैं. लेकिन अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसपर अपनी सलाह जारी की है. मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद सर्जरी करवा सकते हैं, यह सुरक्षित है और इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. स्टडी में ये भी कहा गया है की प्रेग्नेंट महिलाएं रिकवर होने पर सिजेरियन सर्जरी से भी डिलीवरी करवा सकती हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के आंकड़ों का हवाला देते हुए इस बात की जानकारी दी है.
53 मरीजों को किया गया स्टडी में शामिल
दरअसल, 20 दिसंबर 2021 से 2022 के बीच इस स्टडी को किया गया है. जिसमें 53 मरीजों को शामिल किया गया. ये सभी मरीज कोविड -19 पॉजिटिव थे और इन सभी की सर्जरी की गई.
लव अग्रवाल ने इसपर कहा कि इन 53 रोगियों में से 32 को रीजनल एनेस्थीसिया दिया गया, इनमें से 26 महिलाओं को सिजेरियन सेक्शन से गुजरना पड़ा था, जबकि 21 को जनरल एनेस्थीसिया दिया गया था.
कुछ लोगों की हुई मौत, इसका कारण वायरस नहीं
जितनी भी सर्जरी हुई सभी कामयाब रही और ऑपरेशन के बाद किसी को कोई समस्या नहीं आई. रिकवर होकर सभी घर चले गए. जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि 21 मरीज ऐसे थे, जिन्हें जनरल एनेस्थीसिया दिया गया था. मतलब इन्हें ऑपरेशन के दौरान पूरी बेहोशी में रखा गया. इन 21 मरीजों में से 4 मरीजों की मौत हो गई. यह सभी बेहद गंभीर वाले मामले थे. हालांकि, इनकी मौत की वजह कोरोना वायरस नहीं था.
बता दें, इन 21 मामलों में लैपरोटॉमी के छह मामले, डीकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी के चार मामले, ट्रेकियोस्टोमी और एम्प्यूटेशन के दो मामले शामिल थे.
कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने के बाद करा सकते हैं सर्जरी
गौरतलब है कि पहले जो स्टडी हुई थी उसके आधार पर माना गया था कि कोरोना इंफेक्शन से रिकवर होने के 8 हफ्ते बाद तक सर्जरी नहीं करानी चाहिए. कई सारे अस्पताल भी इसी नियम के आधार पर सर्जरी के मामले ले रहे थे. लेकिन एम्स की इस स्टडी के आधार पर अब सरकार ने सलाह दी है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद किसी भी जरूरी सर्जरी को टालने की कोई जरूरत नहीं है. अब कोरोना से रिकवर होने के बाद सर्जरी कराई जा सकती है और इससे कोई खतरा नहीं है.
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