क्या जीका वायरस बन सकता है आपकी मौत का कारण? जानें किन परिस्थितियों में जा सकती है व्यक्ति की जान 

भारत में जीका वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसे लेकर अब राज्य सरकारें भी सचेत हो गई हैं. जीका वायरस कोरोना वायरस जैसा या किसी दूसरे आम इंफेक्शन जैसा नहीं है. ये मच्छर से फैलता है.

जीका वायरस (प्रतीकात्मक तस्वीर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST
  • भारत में आ चुके हैं जीका वायरस के मामले
  • बढ़ रही है संक्रमितों का संख्या

भारत के कई हिस्सों में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं. सोमवार तक केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में जीका वायरस के केस आ चुके हैं. दुनिया में ये तेजी से फैल रहा है और यही वजह है कि इसको लेकर सभी चिंता में हैं.  ऐसे में सभी लोग इसी चिंता में हैं कि क्या जीका वायरस से आपकी मौत हो सकती है? इस वायरस के साथ सबसे खराब बात ये है कि इससे निपटने के लिए अभी तक कोई भी टीका नहीं बनाया गया है. यानि इससे बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है. हालांकि, जैसे-जैसे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे लोगों का मन सवालों से घिरता जा रहा है.

कैसे फैलता है जीका वायरस?

बताते चलें कि जीका वायरस कोरोना वायरस जैसा या किसी दूसरे आम इंफेक्शन जैसा नहीं है. इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है और रोगी इस वायरस को ले जाने वाले मच्छर से संक्रमित होता है. यह एडीज एजिप्टी मच्छर (Aedes Aegypti Mosquito) नामक मच्छर के काटने के बाद संक्रमण से फैलता है. वहीं अगर लक्षणों की बात करें तो आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति में कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. हालांकि, बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और कुछ मामलों में कंजक्टीवायटिस जैसे लक्षण काटने के कुछ दिनों के भीतर दिखाई दे सकते हैं.

क्या जीका वायरस से हो सकती है मौत? 

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जीका वायरस के मामलों में मौतें आम नहीं हैं. हालांकि, ये वायरस इंसान में कई गंभीर संक्रमण कर सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की जान जा सकती है. जीका वायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या कम है लेकिन चार तरीको से इसमें मौत हो सकती है. 

1. प्यूर्टो रिको में 'इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा' की वजह से जीका वायरस से संक्रमित एक मरीज की मृत्यु हो गई. उसमें इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा नाम की एक दुर्लभ स्थिति विकसित हो गई थी, जिसमें वायरस पर हमला करने वाली इम्यून सिस्टम सेल शरीर के अपने ब्लड प्लेटलेट्स पर हमला करना शुरू कर देती हैं. नतीजतन, प्लेटलेट्स खत्म होने लगती हैं और आखिर में इंसान की मृत्यु हो जाती है.  

2. इसमें 'गुइलेन-बरी सिंड्रोम' की समस्या भी हो जीता है ये भी एक ऑटो-इम्यून स्थिति है. इस बीमारी में हमारा इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम पर हमला करना शुरू कर देता है, जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है.  

3. जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिला के इंफेक्शन का असर बच्चे के मस्तिष्क पर पड़ सकता है. इससे बच्चे की मृत्यु मां के गर्भ में और कभी-कभी जन्म के समय भी हो जाती है. कई मामलों में, यदि मां जीका वायरस से संक्रमित है तो जन्म के दौरान अज्ञात कारणों से बच्चे भी मर जाते हैं.

4. जीका वायरस में 'डिसेमिनेटेड एन्सेफालो माइलाइटिस' की स्थिति पैदा हो सकती है. इसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन की समस्या पैदा हो जाती है. इससे मृत्यु हो सकती है. 

कैसे करें बचाव? 

गौरतलब है कि जीका वायरस के टीके के लिए शोध किया जा रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि  मौजूदा समय में रोकथाम से बेहतर कोई इलाज नहीं है. उन जगहों से दूर रहें जहां मच्छरों के पनपने की संभावना हो. अपने आस-पास साफ-सफाई रखें और सुनिश्चित करें कि संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क न हो. स्वस्थ रहें खानपान ठीक रखें. 

 

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