Cancer Cases In India: भारतीय युवाओं में तेजी से फैल रहा कैंसर, क्या है कारण और कैसे करें खुद का बचाव

भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ डे 2024 पर जारी अपोलो हॉस्पिटल्स की हेल्थ ऑफ नेशन रिपोर्ट में भारत को "दुनिया की कैंसर राजधानी" बताया गया है.

Cancer Cells/Unsplash-National Cancer Institute
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
  • क्या है कैंसर की वजह और कैसे करें बचाव
  • भारत में बेहद कम है स्क्रीनिंग

भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. वर्ल्ड हेल्थ डे 2024 (World Health Day) पर जारी अपोलो हॉस्पिटल्स की हेल्थ ऑफ नेशन रिपोर्ट में भारत को "दुनिया की कैंसर राजधानी" बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तीन में से एक भारतीय प्री-डायबिटिक, तीन में से दो प्री-हाइपरटेंसिव और 10 में से एक डिप्रेशन से पीड़ित है. कैंसर, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और मेंटल हेल्थ जैसी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज भारतीय युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही हैं.

प्रोस्टेट कैंसर सबसे आम
भारत में सबसे आम कैंसर ब्रेस्ट कैंसर, Cervix कैंसर और ओवेरियन कैंसर हैं. पुरुषों के मामले में फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर सबसे आम है. रिपोर्ट में करीब 17 राज्यों में अलग-अलग तरह के कैंसर के आंकड़े उपलब्ध हैं. भारत में कैंसर डायग्नोसिस की औसत उम्र अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन इसके बावजूद, देश में कैंसर जांच दर अभी भी बहुत कम है. ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की औसत उम्र अब कम होकर 52 साल हो गई है.

भारत में बढ़ रहे कैंसर के मामले
आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में दुनियाभर में अनुमानित 20 मिलियन (दो करोड़) कैंसर के नए मामलों का निदान किया गया और 9.7 मिलियन (97 लाख) से अधिक लोगों की मौत हो गई.  इस रिपोर्ट में मोटापे की दर 2016 में 9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 20 प्रतिशत हो गई है. वहीं हाई बीपी के मामले 9 प्रतिशत से बढ़कर 13 प्रतिशत हो गए हैं. भारतीयों की एक बड़ी आबादी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से जूझ रही है. 

क्या है कैंसर की वजह और कैसे करें बचाव

भारत में होने वाले कैंसर के ज्यादातर मामले खराब लाइफस्टाइल और गलत आदतों से संबंधित हैं. इन सबके साथ जेनेटिक्स भी कैंसर का एक बड़ा कारण है. 

कैंसर के कुल मामलों में  लगभग आधे तंबाकू की वजह से होते हैं, तो अगर हम तंबाकू के इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करें, तो कैंसर की रोकथाम हो जाएगी.

Cancer/UnSplash-National Cancer Institute

ज्यादा से ज्यादा लोग समय-समय पर सेहत की स्क्रीनिंग कराएं. मान लीजिए आपका बीपी कुछ दिनों से ज्यादा आ रहा है तो इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है, इसपर ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि भारत जैसे देश में जब तक बीमारी बढ़ती नहीं है तब तक जांच नहीं कराते. 

मोटापे ने भी कैंसर की वृद्धि नें अहम योगदान दिया है. हाई बीएमआई अब आम बात है. कम उम्र के लोग भी अब मोटापे का शिकार हो रहे हैं. इसलिए, ये कैंसर के खतरों में से एक है.

अगर बीपी और बीएमआई के लेवल को कम करने की कोशिश की जाए तो इससे कई तरह की क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को भी कम किया जा सकता है. इससे कैंसर के मामलों में भी कमी लाने में मदद मिल सकती है.

भारत में कैंसर से बचाव के लिए कैंसर स्क्रीनिंग को बढ़ाने की बेहद ज्यादा जरूरत है. 

 

Read more!

RECOMMENDED