हर साल जनवरी में Cervical Cancer Awareness Month मनाया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य लोगों को सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक करना है ताकि महिलाएं और लड़कियां कम उम्र से ही इसके बारे में जानें और इससे बचाव के लिए वैक्सीन ले सकें. सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में होता है, जो वैजाइना से जुड़ा गर्भाशय (Uterus) का निचला हिस्सा होता है. यह कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह दुनिया में चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है. भारत में, सर्वाइकल कैंसर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती है, जिससे यह देश में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण बन गया है. सर्वाइकल कैंसर की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए केंद्र सरकार ह्यूमन पेपिलोमावायरस या HPV Vaccine- CERVAVAC को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
लड़कियों के लिए HPV वैक्सिनेशन अभियान
एक्सपर्ट्स के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है. देश में हर साल 1,20,000 से ज्यादा महिलाएं सर्वाइकल कैंसर प्रभावित होती हैं. इनमें से सालाना लगभग 77,000 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है. एशियाई देशों में भारत में सर्वाइकल कैंसर का बोझ सबसे ज्यादा है. जिसे देखते हुए सरकार ने इस दिशा में अहम कदम उठाया है. दरअसलस केंद्र सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन HPV को कम उम्र में ही ज्यादा से ज्यादा लड़कियों तक पहुंचाने की योजना बनाई है.
सरकार 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए यह वैक्सीन अभियान शुरू करेगी और इन बच्चियों को यह वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगा. सरकार तीन सालों में तीन चरणों में काम करेगी और उम्मीद है कि इस साल के दूसरे छमाही में अभियान का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. बताया जा रहा है कि सरकार के पास पहले चरण के लिए जरूरी वैक्सीन की 6.5 से 7 करोड़ डोज का स्टॉक मौजूद है.
भारत की कंपनी ने बनाई वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पिछले साल एक स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन- CERVAVAC लॉन्च की थी. प्राइवेट मार्केट में इस वैक्सीन की कीमत 2,000 प्रति डोज है और इसकी दो डोज लड़कियों व महिलाओं को लेनी होंगी.
सरकार का कहना है कि जल्द ही वैक्सीन को सस्ती दर पर उपलब्ध कराने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे ताकि 14 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां व महिलाएं भी आसानी से वैक्सीन ले सकें.
वर्तमान में, सि्फ एक एचपीवी वैक्सीन, Gardasil बाजार में उपलब्ध है जिसे अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी, Merck ने बनाया है. भारत की प्राइवेट मार्केट में इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत ₹10,850 है जो आपको एक प्री-फिल्ड सिरिंज में मिलती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एचपीवी वैक्सीन बचाव का एक प्रभावी तरीका है क्योंकि यह लगभग 70% सर्वाइकल कैंसर मामलों के लिए जिम्मेदार वायरस के दो स्ट्रेन से आपको सुरक्षित रखता है.
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के रूप में भी जाना जाता है. यह तब होता है जब आपके सर्विक्स की सेल्स या कोशिकाएं प्री-कैंसरस कोशिकाओं में बदलने लगती है. हालांकि, सभी प्री-कैंसरस सेल्स कैंसर में नहीं बदलती हैं लेकिन यह जरूरी है कि समय रहते हुए इन सेल्स का पता लगाकर इलाज किया जाए. सर्वाइकल कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं - स्क्वैमस सेल कार्सिनोमस और एडेनोकार्सिनोमस. लगभग 80-90 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं, जबकि 10-20 प्रतिशत एडेनोकार्सिनोमा होते हैं.
संकेत और लक्षण
सर्वाइकल कैंसर का क्या कारण है?
HPV के कारण होने वाले ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर सेक्स संबंधी होते हैं. यह वायरस अलग-अलग सेक्सुअल कॉन्टेक्ट- एनल, ओरल, या वैजाइनल के माध्यम से फैलता है और कैंसर का कारण बन सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि आप अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी से संक्रमित होंगे और आपको इसका एहसास नहीं होगा क्योंकि आपका शरीर संक्रमण से लड़ता है. लेकिन अगर आपका शरीर इससे नहीं लड़ता है तो यह आपके गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को कैंसरस कोशिकाओं में बदलने का कारण बन सकता है. इसलिए जरूरी है कि हर एक लड़की और महिला को समय से HPV वैक्सीन दी जाए.