कभी नरम कभी गरम, कभी धूप कभी छांव, फरवरी के बाद मार्च में भी मौसम की मनमर्जियां जारी है. लेकिन कभी ठंड कभी गर्मी वाले इस मौसम का असर भी कभी खुशी कभी गम वाला है. आमतौर पर सभी और खासतौर पर बच्चे खांसी सर्दी और बुखार की चपेट में हैं. एक तरफ डॉक्टर्स के पास मरीजों की लाइन लगी है. वहीं चिन्ता बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी है, क्योंकि मार्च परीक्षा का महीना है. जाहिर है ऐसे मौसम में सेहत को लेकर सावधानी बेहद जरूरी है.
बच्चे हो रहे हैं इन बीमारियों के शिकार
बदलते मौसम की वजह से बच्चे वायरल बुखार की चपेट में हैं. इसमें सर्दी खांसी के साथ तेज बुखार होता है. साथ ही गले में दर्द सिर दर्द की शिकायत होती है. वायरल के अलावा डायरिया के केस भी आ रहे हैं. बदलते मौसम में संक्रमण की वजह से बच्चों को सांस लेने में भी समस्या आ रही है. वैसे आमतौर पर वायरल बुखार का असर तीन से पांच दिनों तक रहता है. लेकिन इस दौरान अच्छी देखभाल की जरूरत होती है और अगर फिर भी बुखार ना जाए तो डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है.
क्या है स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा?
एक बड़ी समस्या खांसी की है जिसे स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा कहते हैं. ये बड़े लोगों के साथ बच्चों को परेशान कर रही है. मुश्किल ये है कि ये खांसी 2 से 3 हफ्ते तक रहती है. इस दौरान दवा भी ज्यादा असर नहीं दिखाती. लेकिन इन सभी बीमारियों से बचाव मुमकिन है. बस कुछ सावधानियां जरूरी है. खासतौर पर बच्चों को सुरक्षा कवच दिया जाना चाहिए.
बच्चों के लिए बरतें ये सावधानियां
बच्चों को फ्रिज में रखी ठंडी चीजें न खाने दें. कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम से उन्हें दूर रखें. गटागट ठंडा पानी ना पीने दें. सुबह और शाम के वक्त खासतौर पर गर्म कपड़े पहनाएं. घर में अभी एसी या कूलर का इस्तेमाल ना करें. डॉक्टर्स की सलाह है कि इस मौसम में संक्रमण तेजी से हो रहा है, लिहाजा बच्चों को भीड़ भाड़ वाली जगहों पर ना जाने दें. जिसे संक्रमण हो चुका है, उसे भी सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाना चाहिए. अगर कोई फ्लू की चपेट में आ जाए उसे भाप लेने और गार्गल करने से आराम मिलेगा.
बच्चों के लिए कारगर है PIN
डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मौसम में बच्चों को बचाने के लिए PIN मंत्र बेहद कारगर साबित हो सकता है. P से प्रिवेंशन, यानी बचाव. I से इम्यूनाइजेशन यानी प्रतिरोधक क्षमता बढाना और N से न्यूट्रिशन यानी पौष्टिक भोजन. इस मौसम में सर्दी खांसी और बुखार से बचने के लिए जरूरी है कि बचाव के कदम पहले उठाए जाएं और दूसरों को भी सतर्क करें.