बॉस की डांट खाने के बाद महिला को हुआ Catatonic stupor...ना खा पाती है, ना हिल पाती है, वॉशरूम जाने के लिए भी लेनी पड़ती है दूसरों की मदद, जानें इस बीमारी के बारे में

कैटाटोनिक स्टुपर एक मेंटल डिसऑर्डर है जिसमें इंसान अपने आसपास की चीज़ों पर रिएक्शन देना बंद कर देता है. इस स्थिति में वह न हिल-डुल पाता है, न बात कर पाता है और न ही किसी चीज का जवाब दे पाता है.

catatonic stupor
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

चीन की एक महिला को अपने बॉस की डांट का ऐसा सदमा लगा कि वो अस्पताल ही पहुंच गई. इस घटना ने सभी को चौंका दिया है. इस महिला का नाम ली है. ली एक "कठोर लकड़ी की मूर्ति" जैसी हो गई हैं. वो न खा रही हैं , न कुछ पी रही हैं और न ही हिल पा रही हैं. उनके परिवार के लोगों को उन्हें बाथरूम जाने के लिए भी याद दिलाना पड़ता है. डॉक्टर का कहना है कि ली ‘कैटेटोनिक स्टूपर’ नाम की बीमारी से पीड़ित हैं.

क्या है कैटाटोनिक स्टूपर?
कैटाटोनिक स्टुपर एक मेंटल डिसऑर्डर है जिसमें इंसान अपने आसपास की चीज़ों पर रिएक्शन देना बंद कर देता है. इस स्थिति में वह न हिल-डुल पाता है, न बात कर पाता है और न ही किसी चीज का जवाब दे पाता है. ऐसा लगता है जैसे वह कहीं खो गया हो. इस स्थिति में व्यक्ति का शरीर अकड़ सकता है, उसकी मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं और उसे बाहरी दुनिया की चीजें समझ में नहीं आतीं. कई बार वह दूसरों की बातों या हरकतों को दोहराने लगते हैं, और खुद से कुछ नहीं करते. यह स्थिति कुछ घंटों से लेकर कई हफ्तों, महीनों और सालों तक भी चल सकती है.

क्या है कैटाटोनिक स्टूपर के लक्षण ?

1. हिलने-डुलने में दिक्कत- कैटाटोनिक स्टुपर में व्यक्ति बहुत लंबे समय तक एक ही जगह पर बिना हिले-डुले बैठा या लेटा रहता है. उसके शरीर में कोई हलचल नहीं होती है.

2. बोलने में कठिनाई (mutism)- व्यक्ति पूरी तरह से बोलना बंद कर देता है. कई बार वह बिल्कुल भी किसी बात का जवाब नहीं देता, चाहे कोई उससे कुछ भी पूछे या बात करने की कोशिश करें.

3. मसल्स की कठोरता (catalepsy)-  इस स्थिति में व्यक्ति की मसल्स बहुत कठोर हो जाती हैं. अगर कोई व्यक्ति उसके शरीर का हिस्सा (जैसे हाथ या पैर) किसी स्थिति में रख दे, तो वह उसी स्थिति में रहता है, जैसे वो इंसान सा शरीर ना होकर किसी मोम से बना हुआ शरीर है. इसे वैक्सि फ्लेक्सिबिलिटी (Waxy flexibility) कहते हैं.

4.  किसी के कहे का उल्टा करना - व्यक्ति किसी के कहे या सुझाव का बिल्कुल उल्टा करता है. जैसे अगर उससे कुछ करने के लिए कहा जाए, तो वह ना केवल उसे अनसुना कर सकता है बल्कि कभी-कभी जानबूझकर इसका उल्टा भी करता है.

5. दूसरों की बातों की नकल करना (echolalia)-  इस स्थिति में व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति की बातों को वापस दोहरा सकता है.
 
6. दूसरों की हरकतों की नकल करना (echopraxia)-  व्यक्ति दूसरों की हरकतों को बिना किसी कारण के ही दोहराता है. जैसे अगर कोई हाथ उठाए, तो वह भी वही करेगा.

7. चेहरे के अजीब जेस्चर (grimacing)-  इस स्थिति में व्यक्ति बिना किसी बात के ही अपना चेहरा अजीब बना लेता है, जैसे भौंहों को चढ़ा लेना, होंठों को टाइट कर लेना और चेहरे पर अजीब सा तनाव दिखाना.

8. बाहरी चीजों पर रिएक्शन न देना- व्यक्ति अपने आसपास होने वाली किसी भी घटना या आवाज़ पर कोई रिएक्शन ही नहीं देता है जैसे वह पूरी तरह से अपने ही अंदर डूबा हो और बाहरी दुनिया को देख-सुन नहीं पा रहा हो.

9. भोजन और रोज की जरूरतों को छोड़ देना - कई बार व्यक्ति खाने-पीने, बाथरूम जाने जैसी रोज की जरूरतों को भी भूल जाता है, और परिवार या देखभाल करने वालों को इसे याद दिलाना पड़ता है.


किन कारणों से हो सकता है कैटाटोनिक स्टूपर?
कैटाटोनिक स्टुपर कई कारणों से हो सकता है जैसे-

1. गहरा मेंटल ट्रॉमा और तनाव- बहुत ज्यादा तनाव, जैसे किसी पसंदीदा की मृत्यु, काम का दबाव, या अचानक बड़ा बदलाव, व्यक्ति को कैटाटोनिक स्टुपर में डाल सकता है.

2. बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder)- इसमें व्यक्ति का मूड बहुत तेजी से बदलता है. कभी वह बहुत खुश होता है, तो कभी गहरे सदमे में चला जाता है.

3. सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia)- यह एक मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति असलियत से संपर्क खोकर भ्रम में रहने लगता है और वह कैटाटोनिक स्टुपर जैसी स्थिति में आ सकता है.

4. डिप्रेशन- लंबे समय तक गहरे डिप्रेशन से व्यक्ति का मेंटल बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे वह कैटाटोनिक स्टुपर में चला जाता है और प्रतिक्रिया देना बंद कर देता है.

5. ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (autism spectrum disorder)- ऑटिज़्म के कुछ मामलों में व्यक्ति सामाजिक रूप से अलग और असामान्य व्यवहार करता है. ऐसे लोग भी विशेष स्थिति में कैटाटोनिक स्टुपर में जा सकते हैं.

6. दिमाग में केमिकलों का इंबैलेंस - दिमाग में केमिकलों (जैसे डोपामिन, सेरोटोनिन) का इंबैलेंस व्यक्ति के मूड और मानसिक स्थिति (mental state) पर असर डाल सकता है, जिससे वह कैटाटोनिक स्टुपर में जा सकता है.

7. मेंटल डिसऑर्डर- पार्किंसन (Parkinson's), डिमेंशिया (Dementia) और अल्जाइमर जैसी बीमारियां दिमाग पर असर डालती हैं और व्यक्ति को कैटाटोनिक स्टुपर में डाल सकती हैं.

8. दिमाग की चोट या इंफेक्शन - दिमाग की चोट, स्ट्रोक, और इंफेक्शन (जैसे इंसेफेलाइटिस) से दिमाग के कुछ हिस्से डैमेज हो सकते हैं जिससे यह स्थिति हो सकती है.

9.  मिर्गी (Epilepsy)- मिर्गी के दौरे के कारण दिमाग में असामान्य गतिविधियां (unusual activities) होती हैं, जिससे कैटाटोनिक लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं.

कैसे करें कैटाटोनिक स्टूपर का ट्रीटमेंट?
कैटाटोनिक स्टुपर का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है,जैसे-

1. दवाइयां
बेंजोडायजेपाइन- ये एक प्रकार की दवा है जो दिमाग को शांत करती है और व्यक्ति की कैटाटोनिक स्थिति को ठीक करने में मदद कर सकती है. यह दवा तेजी से असर करती है और लक्षणों को कम कर सकती है.

एंटीडिप्रेसेंट और एंटीसाइकोटिक दवाइयां- अगर कैटाटोनिक स्टुपर डिप्रेशन , स्किजोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे कारण से हुआ है, तो डॉक्टर इसके अनुसार दवाएं दे सकते हैं. इससे व्यक्ति की मानसिक स्थिति (Mental State) में सुधार हो सकता है.

2. इलेक्ट्रोकोन्वल्सिव थेरेपी (Electroconvulsive therapy)
ईसीटी एक प्रक्रिया है जिसमें दिमाग में हल्का बिजली का करंट दिया जाता है. यह व्यक्ति को गहरी नींद में डालकर किया जाता है ताकि उसे दर्द महसूस न हो. यह इलाज उन लोगों के लिए कारगर होता है जिन पर दवाइयां असर नहीं करतीं. इसके बाद कुछ ही समय में व्यक्ति की स्थिति में सुधार आ जाता है.

3. मनोचिकित्सा (साइकोथेरेपी)
इस स्थिति में मनोचिकित्सा का भी सहारा लिया जा सकता है. इसमें मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल व्यक्ति के साथ बात करके उसे मानसिक रूप से सहायता देने की कोशिश करते हैं. यह थेरेपी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को बेहतर करने और उसके भीतर की समस्याओं को समझने में मदद करती है.

4. पोषण और हाइड्रेशन
कई बार कैटाटोनिक स्टुपर में व्यक्ति खाना-पीना बंद कर देता है, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर पोषक तत्व लेने की सलाह देते हैं ताकि उसका स्वास्थ्य ठीक रहे.

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