Corona JN.1 Virus: कोरोना को लेकर नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा, इस वायरस से सिर्फ टेस्ट और स्मेल ही नहीं, जा सकती है गले की आवाज 

ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट JN.1 के कारण देश के कई इलाकों में संक्रमण बढ़े हैं. अब एक रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना न केवल टेस्ट और स्मेल बल्कि गले को भी बेहद नुकसान पहुंचा सकता है. इससे पीड़ित व्यक्ति की आवाज भी जा सकती है.

Corona Virus (file photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST
  • अमेरिका के शोधकर्ताओं ने किया रिसर्च
  • जैन 1 सब वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद उतना खतरा नहीं 

कोरोना का नया वैरिएंट जेएन. 1 चीन-सिंगापुर ही नहीं अब भारत के कई हिस्सों में भी अपना पैर पसार रहा है. केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा के कुछ हिस्सों में इस नए संक्रमण ने तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है. ओमीक्रॉन के इस नए सब-वेरिएंट JN.1 को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे मौत के मामले और अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई जो डेल्टा वैरिएंट के समय थी लेकिन, इस बीच कोरोना को लेकर सबसे नई रिसर्च ने सभी को चौंका दिया है. पता लगा है कि इस खतरनाक वायरस से न केवल स्वाद और गंध बल्कि गले को भी बेहद नुकसान हो सकता है. 

कहते हैं वोकल कॉर्ड पैरालिसिस 
जर्नल पेडियाट्रिक में Bilateral vocal cord paralysis requiring long term tracheostomy after SARS-CoV-2 infection नाम से प्रकाशित यह रिसर्च बताती है की कोरोना के कारण सिर्फ टेस्ट और smell ही नहीं, गले की आवाज भी जा सकती है. इसे वोकल कॉर्ड पैरालिसिस कहते हैं. अमेरिका के आई और ईयर अस्पताल के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना के कारण तंत्रिका तंत्र से संबंधित यानी न्यूरोपैथिक कंपलेक्सिटी हो सकती है. जिससे वोकल कार्ड यानी आवाज की नली में लकवा होने का मामला सामने आया है. कोविड एक्सपर्ट डॉक्टर सुचिन बजाज ने बताया की जैन 1 सब वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद उतना खतरा नहीं है, जितना डेल्टा वेरिएंट के वक्त था. स्वास्थ्य एजेंसियां टेस्टिंग कर रही हैं.  

दिल्ली सरकार की तैयारियां
चीन में नवंबर-2023 के दौरान बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, GNCTD के मंत्री (स्वास्थ्य) सौरभ भारद्वाज ने श्वसन चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ 30 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी. गंभीर निमोनिया के मामलों में RTPCR द्वारा परीक्षण करना, नमूनों की डिटेल रखना और एंटी-वायरल दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने को लेक SOP जारी की गई थी. इसमें सभी अस्पतालों में 13 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच विभिन्न मापदंडों पर तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल की गई. 

लैब टेस्टिंग डेटा साझा करने का अनुरोध 
बीते 20 दिसंबर को ILI/SARI से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की एक बैठक बुलाई गई. उस बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारी शामिल हुए थे. कोविड परीक्षण का डेटा वर्तमान में ICMR द्वारा रखा जा रहा है. दिल्ली सरकार ने ICMR से कोविड संबंधी लैब टेस्टिंग डेटा साझा करने का अनुरोध किया है. 19 दिसंबर को, केरल और कर्नाटक में किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या और सकारात्मकता दर क्रमशः 537 और 487 और 20.75% और 2.41% थी. दिल्ली में, एक ही दिन में आरटी-पीसीआर और सकारात्मकता की संख्या क्रमशः 208 और 0.48% थी.

इन सभी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर दिए गए हैं निर्देश 
1. बिस्तर क्षमता.
2. उपलब्ध मानव संसाधन.
3. तैयारियों के आकलन के लिए सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल, रेफरल सेवाएं.
4. परीक्षण क्षमताएं.
5. लॉजिस्टिक्स.
6. मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता.

कोरोना के मद्देनजर तैयारी के लिए दिए गए हैं ये आदेश
1. दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में आने वाले ILI/SARI रोगियों से कोविड के नमूने एकत्र किए जाएंगे.
2. दिशानिर्देशों के अनुसार, आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में कोविड नमूने भेजे जाएं.
3. दिशानिर्देशों के अनुसार सकारात्मक आरटी पीसीआर नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग किया जाना है.
4. भीड़-भाड़ वाली और कम हवादार जगहों से बचने और भीड़ वाली और नजदीकी जगहों और अस्पताल परिसरों में मास्क पहनने के लिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए.

(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)

 

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