कोरोना एक बार फिर से खबरों में है. यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान जैसे कई देशों में एक बार फिर से कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, इसका कारण एरिस (Eris) नामक एक नया तेजी से फैलने वाला कोविड-19 सब-वेरिएंट है, जो भारत में अभी तक नहीं पहुंचा है.
कोरोना का नया सब-वेरिएंट
कोविड-19 का एक नया वेरिएंट, EG.5.1 तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन से आया है, और इसने स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने इंग्लैंड में स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि वेरिएंट ईजी.5.1 को Eris कहा जा रहा है और इसे पहली बार पिछले महीने यूके में डिटेक्ट किया गया था और अब यह देश में तेजी से फैल रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने बताया कि देश में आ रहे नए कोरोना मामलों में हर सात मामलों में से एक ईजी.5.1 का मामला है. लेटेस्ट डेटा से पता चलता है कि यह अब 14.6% मामलों के लिए जिम्मेदार है - इस तरह यह यूके में दूसरा सबसे ज्यादा प्रचलित वेरिएंट बन गया है.
हालांकि, अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह नया कोविड वेरिएंट एरिस भारत में महामारी की एक और लहर का कारण बन सकता है. कई विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि इस नए वेरिएंट की भारतीय आबादी में फैलने की संभावना बहुत कम है.
क्या हैं इसके लक्षण
एरिस ओमिक्रॉन कोविड वैरिएंट का एक स्ट्रेन है. ZOE हेल्थ स्टडी के अनुसार, ओमिक्रॉन के पांच सबसे आम लक्षण हैं:
क्या भारत में आएगी कोरोना की नई लहर
बूम न्यूज़ के हवाले से एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कोविड के Eris वेरिएंट से भारत में महामारी की नई लहर आने की संभावना बहुत कम है. क्योंकि भारत में एक बड़ी आबादी ने पहले ही वायरस के खिलाफ वैक्सीन ले ली है. इसका मतलब है कि कोविड वायरस के एरिस वेरिएंट का प्रसार सीमित रहने की उम्मीद है, और अभी तक चिंता का कोई कारण नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि संक्रमण से बचने के लिए सभी को सार्वजनिक स्थानों पर उचित कोविड दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो हफ्ते पहले ही ईजी.5.1 वेरिएंट पर नज़र रखना शुरू कर दिया था. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा था कि हालांकि लोग वैक्सीन से बेहतर सुरक्षित हैं, लेकिन देशों को पूरी सतर्कता के साथ काम लेना होगा. किसी भी तरह की लापरवाही से बचें.