Coronary Angiogram: Heart में ब्लॉकेज की सटीक जानकारी देता है कोरोनरी एंजियोग्राम, समय रहते मुमकिन होगा हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का इलाज

भारत में पिछले कुछ सालों में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं. कोरोनरी एंजियोग्राफी के जरिए किडनी में किस तरह का स्टोन, खून का प्रवाह, लंग्स व दिमाग में ब्लोकेज जैसी स्थितियों का पता लगाया जा सकता है.

Coronary Angiogram
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2023,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

गिरफ्तार किए गए तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की कोरोनरी एंजियोग्राफी हुई है और उन्हें जल्द से जल्द बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई है. ईडी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद ही सेंथिल की तबीयत खराब हो गई थी. सीने में दर्द की शिकायत के बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था. आजकल लोगों के हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या खूब देखने को मिल रही है. जो हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं उन्हें भी इस तरह की समस्याएं हो रही हैं.

भारत में पिछले कुछ सालों में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं. कोरोनरी एंजियोग्राफी के जरिए किडनी में किस तरह का स्टोन, खून का प्रवाह, लंग्स व दिमाग में ब्लोकेज जैसी स्थितियों का पता लगाया जा सकता है.

क्या है कोरोनरी एंजियोग्राम

कोरोनरी एंजियोग्राम एक ऐसी तकनीक है जो एक्स-रे इमेजिंग द्वारा कोरोनरी आर्टरी की जांच करती है. हार्ट की नसों में ब्लॉकेज का पता कोरोनरी एंजियोग्राफी के जरिए आसानी से लगाया जा सकता है. इस टेस्ट के माध्यम से हार्ट की धमनियों में आई किसी भी रुकावट का समय पर पता चल जाता है. जिससे समय पर इलाज होने से हार्ट अटैक से बचाव किया जा सकता है. ये टेस्ट अन्य हार्ट टेस्ट की तुलना में बेहतर है क्योंकि ब्लॉकेज की बिल्कुल सटीक जानकारी देता है. इस टेस्ट में मरीज को कोई दर्द नहीं होता है.

कब पड़ती है कोरोनरी एंजियोग्राफी की जरूरत

अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द है और ईसीजी नॉर्मल आ रहा है तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं. इसके अलावा बढ़ी हुई हार्ट बीट और कोरोनरी डिजीज वाले मरीजों के लिए ये टेस्ट किया जाता है. कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी करने के लिए एक खास तरह की डाई मरीज के दिल की रक्‍त वाहिकाओं में डाली जाती है. इस डाई को एक्स-रे मशीन की सहायता से देखा जा सकता है. इसके बाद एक्स-रे मशीन ब्लड वेसल के अंदर की तस्वीरों की श्रृंखला बना लेती है.

हार्ट डिजीज का कैसे पता लगाएं

Arrhythmias, valve disease और congenital heart को "हृदय रोग" के रूप में संदर्भित किया जाता है जोकि दिल को नुकसान पहुंचाते हैं. Coronary artery disease हार्ट की सबसे आम डिजीज है जो blood vessels को नुकसान पहुंचाती है, हार्ट में ब्लड फ्लो को रोकती है, और इससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ती है.

हार्ट डिजीज की नियमित जांच करवाना आवश्यक है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन 20 साल की उम्र से हार्ट की नियमित जांच करने की सिफारिश करता है. हृदय रोग उन लोगों को भी प्रभावित कर सकता है जो कम उम्र के हैं. 20 की उम्र के बाद बार-बार स्क्रीनिंग करवाकर हार्ट डिजीज को को ट्रैक किया जा सकता है. इसके जरिए हार्ट स्ट्रोक को रोका जा सकता है.

  • जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है.

  • धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ने के साथ-साथ फिजिकली एक्टिव रहें.

  • हेल्दी खाना खाएं, आपकी डाइट ऐसी हो जो पोषक तत्वों से भरपूर हो.

  • समय-समय पर चेकअप करवाते रहें.

  • वजन को नियंत्रित रखें. नमक कम खाएं, हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें.

  • अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी और नियंत्रण करना भी आवश्यक है.

हार्ट अटैक के लक्षण

  • चक्कर आना.

  • बेचैनी महसूस होना.

  • जोर-जोर से सांस लेना.

  • सीने में दर्द या दिल में कसाव महसूस होना.

  • जरूरत से ज्यादा पसीना आना.

 

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