दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन चीन में एक बार फिर कोरोना ने तबाही मचाई है. ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BF.7 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अस्पतालों के बाहर भीड़ लगी हुई है. मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. भारत में भी इसके खतरे बने हुए हैं. सरकार इसको लेकर सतर्क हो गई है.
गुजरात और ओडिशा में BF.7 के केस-
चीन में कोरोना मामले बढ़ाने वाला BF.7 वैरिएंट की भारत में भी मौजूदगी है. Insacog data से मिली जानकारी के मुताबिक चार BF.7 variant भारत में मिले हैं. भारत में इस वेरिएंट के जुलाई में एक, सितंबर में दो और नवंबर में एक मामले सामने आए. भारत में गुजरात और ओडिशा में ये वेरिएंट मिला है.
गुजरात में वडोदरा के सुभानपुरा की रहने वाला एक महिला एक हफ्ते पहले ही अमेरिकी से लौटी थी. बुखार के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब उसका कोरोना टेस्ट हुआ तो वो पॉजिटिव पाई गई. महिला की रिपोर्ट जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे. आज रिपोर्ट आई है. जिसमें वो BF.7 वैरिएंट से पीड़ित है. इसके अलावा अहमदाबाद के गोता इलाके में एक बुजुर्ग की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. बुजुर्ग भी BF.7 वैरिएंट से पीड़ित हैं.
क्या है BF.7 वैरिएंट-
जब वायरस म्यूटेट होते हैं तो वो वैरिएंट और सब वैरिएंट बनाते हैं. जैसे SARS-CoV-2 पेड़ है और अलग-अलग वैरिएंट और सब वैरिएंट उनकी टहनियां हैं. ओमिक्रॉन के कई सब वैरिएंट हैं. BA.5.2.1.7 सब वैरिएंट है. वैसे ही BF7 वैरिएंट BA.5 का sub lineage है.
शरीर में BF.7 से लड़ने की क्षमता कम-
इस महीने की शुरुआत में सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल में एक रिपोर्ट छपी थी. जिसमें बताया गया है कि BF.7 सब वैरिएंट में ओरिजिनल D614G वैरिएंट के मुकाबले 4.4 गुना ज्यादा न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस है. इसका मतलब है कि वैक्सीनेटेड इंसान की बॉडी में कोरोना के बाकी वैरिएंट से लड़ने की क्षमता वाला एंटीबॉडी विकसित होता है. लेकिन उसमें BF.7 वैरिएंट से लड़ने की क्षमता कम है. ऐसा नहीं है कि BF.7 वैरिएंट सबसे खतरनाक है. इससे भी खतरनाक BQ.1 है. जो BF.7 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक है. इसका मतलब है कि इस वैरिएंट के किसी इंसान में फैलने की आशंका ज्यादा है.
क्या है BF.7 के लक्षण-
BF.7 वैरिएंट के लक्षण भी ओमिक्रॉन के दूसरे सब-वैरिएंट जैसे ही हैं. इससे पीड़ित शख्स को बुखार आता है. खांसी, गले में खराश, थकान और उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए ये वैरिएंट खतरनाक है.
क्या फिर है कोरोना लहर का खतरा-
दुनिया में कोरोना लहर के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है. चीन और दुनिया के बाकी देशों में जिस तरह से मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उसको देखते हुए कोरोना लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि आंकड़ों को देखें तो ऐसी संभावना कम दिख रही है. इससे पहले जो लहर आई थी, उसके मुकाबले BF.7 के दुनिया में फैलने की संभावना कम है. लेकिन फिर भी इस वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है और इससे बचाव के उपाय अपनाए जाने चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दियों में सांस के संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है. इस दौरान कोरोना की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि BF.7 से पीड़ित इंसान 10 से 18.6 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
ये भी पढ़ें: