देश में एक बार फिर कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अब तो इससे मौत भी होने लगी है. लेकिन इस बीच एक राहत की खबर वाराणसी के काशी हिंदी विश्वविद्यालय के जंतु विभाग से आई है. विभाग के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस बार कोरोना की लहर पहली और दूसरी बार की तरह भयावह नहीं होगी. वैज्ञानिकों ने इसके पीछे वैक्सीनेशन और लोगों का कोरोना से संक्रमित होकर ठीक होना वजह बताया है.
इस बार घातक नहीं होगा कोरोना-
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार कोरोना पहले के मुकाबले ज्यादा घातक नहीं होगा. जंतु विभाग के जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि तीसरी लहर में 85 से 90 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं. ऐसे में उन लोगों को दोबारा इंफेक्शन होने के उम्मीद बहुत कम है. इसके अलावा भारत में ज्यादातर लोग वैक्सीनेटेड भी हो चुके हैं. लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. इस बार कोरोना संक्रमण भी पहले के मुकाबले कम होगा.
वैक्सीन नहीं लेने वालों को खतरा-
उन्होंने आगे बताया कि हालांकि जो 10 प्रतिशत लोग इन्फेक्टेड नहीं हुए हैं या उन्होंने वैक्सीनेशन भी नहीं कराया है, उनको जरूर इसका खतरा बना रहेगा. लेकिन पूरे देश में कोरोना भयानक रूप नहीं ले पाएगा. प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना का नया वैरियंट XBB1.16 असल में ओमिक्रॉन का सब-वैरियंट है. इस सब वैरियंट के अंदर भी कोई स्पेसिफिक म्यूटेशन नहीं है, जो हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को चकमा दे सके.
दुनिया में लगातार कम हो रहे हैं कोरोना केस-
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि दुनियाभर में देखा जाए तो कोरोना की वजह से ना केवल संक्रमण 23 मार्च के बाद से कम हुआ है, बल्कि मौतें में भी कमी हो रही है. दुनिया भर में रोजाना 100000 के कम केस सामने आ रहे हैं. मौतों का आंकड़ा भी घटकर 500 से 600 हो गया है. ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि भारत में कोरोना का कोई बड़ा विस्फोट होगा.
अभी भारत में बढ़ते आंकड़ों के बारे में उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस हमारे शरीर में आ गया है. जिसकी वजह से हमारा शरीर इसको समझ चुका है और इसी वजह से लगातार संख्या में फ्लकचुएशन देखा जाएगा, लेकिन इसको लेकर कोई भयानक स्थिति नहीं पैदा होगी.
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