EXCLUSIVE: अगर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करें तो तीन महीने में फ्लैट हो सकता है कोविड कर्व: डॉ समीरन पांडा, ICMR

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर पहले ही 4 सीरो सर्वेक्षण कर चुका है. आईसीएमआर के राष्ट्रीय सीरो-सर्वेक्षण के चौथे दौर में पाया गया कि मध्य प्रदेश में सेरोपोसिटिविटी या एंटीबॉडी की उपस्थिति सबसे अधिक, 75.9 प्रतिशत और केरल में सबसे कम, 44.4 प्रतिशत थी.

67.6% आबादी ने कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST
  • टीके ओमिक्रॉन संक्रमण की गंभीरता को कम करने में सक्षम
  • संक्रमण के प्रसार का आकलन करने के लिए किए जा चुके हैं 4 सीरो सर्वेक्षण

यूं तो भारत में कोविड की तीसरी लहर की शुरुआत कई राज्यों में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि के साथ हो गई है, लेकिन आईसीएमआर के शीर्ष महामारी विज्ञानी डॉ समीरन पांडा का मानना है कि कोविड कर्व तीन महीने के भीतर समतल होना शुरू हो सकता है, बशर्ते लोग कोविड के उचित व्यवहार का पालन करें. उन्होंने कहा, “कोविड कर्व अगले तीन महीनों में समतल हो सकता है बशर्ते ये चार चीजें हों - जो राज्य टीकाकरण में पिछड़ गए हैं, वे इसकी गति बढ़ाने की कोशिश करें, लोग सामूहिक समारोहों से बचें, लोग गैर-जरूरी यात्रा से बचें और टीकाकरण के साथ मास्क का उपयोग करते रहें.”

टीके ओमिक्रॉन संक्रमण की गंभीरता को कम करने में सक्षम

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान और संचारी रोग के प्रमुख, डॉ पांडा ने कहा कि टीके संक्रमण को नहीं रोकेंगे. “ये बीमारी को मॉडिफाई करने वाले टीके हैं, संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि होगी. ओमिक्रॉन के संपर्क में आना खुद एक टीका हो सकता है. जैसा कि अधिक से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं, संक्रमण गंभीरता से डिस्कनेक्ट हो रहा है," यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव कि ओमिक्रॉन एक हल्का संक्रमण होने के कारण महामारी को समाप्त करने में मदद कर सकता है, के पीछे क्या कोई विज्ञान है, डॉ पांडा ने कहा. उन्होंने आगे कहा, "टीके ओमिक्रॉन के मामले में संक्रमण की गंभीरता को कम करने में सक्षम हैं, हालांकि, हम नहीं जानते कि बुजुर्गों में ओमिक्रॉन का असर कैसा होगा और इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए."

संक्रमण के प्रसार का आकलन करने के लिए किए जा चुके हैं 4 सीरो सर्वेक्षण

हाल ही में पुणे में आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में ओमिक्रॉन वेरिएंट को अलग किया गया है, आईसीएमआर अभी भी बहुत ज्यादा म्यूटेट करने वाले इस वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सिन की प्रभावकारिता का पता लगाने के लिए रिसर्च कर रहा है जिसके परिणाम अपेक्षित हैं. भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार का आकलन करने के लिए आईसीएमआर पहले ही 4 सीरो सर्वेक्षण कर चुका है. आईसीएमआर के राष्ट्रीय सीरो-सर्वेक्षण के चौथे दौर में पाया गया कि मध्य प्रदेश में सेरोपोसिटिविटी या एंटीबॉडी की उपस्थिति सबसे अधिक, 75.9 प्रतिशत और केरल में सबसे कम, 44.4 प्रतिशत थी. इसमें कहा गया है कि 67.6% आबादी ने कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है. पांचवां सीरो-सर्वेक्षण इस बात पर प्रकाश डालने में सक्षम हो सकता है कि हम अभी भी हर्ड इम्युनिटी से कितने दूर हैं.

मिलन शर्मा की रिपोर्ट

 

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