ओमिक्रॉन वैरिएंट में डेल्टा के मुकाबले हो सकते हैं कम या हल्के लक्षण?

कोरोना वायरस भारत के कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है. अब भारत में इसके कुल मामले 27 हो गए हैं, जबकि आधे से ज्यादा मामले सिर्फ महाराष्ट्र से हैं. विशेषज्ञ लगातार इस पर रिसर्च कर रहे हैं और ऐसा पाया गया है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगो में इसके हल्के या कोई लक्षण नहीं दिख रहे.

Omicron variant may bring milder illness
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST
  • डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट में बीमारी के हल्के लक्षण
  • भारत में 27 हुई संक्रमितों की संख्या

विशेषज्ञों के अनुसार, नोवेल कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट में संक्रमित लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं दिखाने की प्रवृत्ति हो सकती है. हालांकि, वैरिएंट की संक्रामकता डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक मजबूत हो सकती है. ऐसी रिपोर्ट थी कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पूरी तरह से टीकाकरण प्राप्त लोगों को भी संक्रमित कर रहा है, जिसके बाद से विशेषज्ञ लगातार इस पर नजर रखें हुए हैं.

गंभीर लक्षण नहीं हो रहे विकसित
ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पाया गया था और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक और संक्रामक बताया जा रहा है. ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद लोगों में गंभीर लक्षण विकसित हो रहे हैं कि नहीं इस बात का पता अभी तक नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि रोगियों में हल्के लक्षण पाए जा रहे हैं.

युवा सबसे अधिक प्रभावित
यूरोपीय संघ के यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार, शुक्रवार तक 16 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के 109 मामले पाए गए थे. इन सभी संक्रमित लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं दिखे और मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है. नए मामले के साक्ष्य बहुत ही कम हैं. दर्ज किए गए 70 मामलों में आधे रोगियों में लक्षण पाए गए जबकि आधे में कोई नहीं या हल्के लक्षण पाए गए. इसके अलावा गंभीर बीमारी में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. यूरोपीय एजेंसी का कहना है कि बीमारी की जटिलताओं का सटीक आकलन करने के लिए सैकड़ों मामलों पर डेटा की आवश्यकता होगी और इसका अनुमान लगाने में कई सप्ताह लग सकते हैं.

इसके अलावा यूरोप में अब तक पाए गए अधिकांश मामले कम उम्र के लोगों में हैं और उन्हें पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. हालांकि, इससे उनकी गंभीर बीमारी की संभावना कम हो गई है. 

क्या ओमिक्रॉन कोरोनावायरस का 'कम फिट' वर्जन है?

एक तरफ जहां ओमिक्रॉन संक्रमण के आंकड़े लगातार सामने आ रहे हैं वहीं वैज्ञानिक ओमिक्रॉन को समझने के लिए लैब में अध्ययन कर रहे हैं. वैरिएंट में लगभग 50 म्यूटेशन हैं, जो पहले संयोजन में नहीं देखे गए थे, जिसमें स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्यूटेशन शामिल हैं. वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले टीके इस प्रोटीन को लक्षित करते हैं.

फिलाडेल्फिया में पेन इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी के निदेशक डॉ. जॉन वेरी ने कहा, "आमतौर पर जब वायरस बहुत अधिक म्यूटेशंस जमा करते हैं तो वे कुछ फिटनेस खो देते हैं." उन्होंने कहा कि कुछ ओमिक्रॉन म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन के व्यवहार को बदलते हुए वायरस की क्षमता को कम कर सकते हैं

क्या ओमाइक्रोन वैरिएंट डेल्टा की जगह लेगा?

ओमिक्रॉन को लेकर दूसरा प्रश्न ये है कि क्या ये वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की जगह ले पाएगा. डेल्टा वैरिएंट ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी तबाही मचाई थी. सैन डिएगो में स्क्रिप्स रिसर्च डिपार्टमेंट ऑफ इम्यूनोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के एक संक्रामक रोग शोधकर्ता सुमित चंदा कहते हैं, अगर ओमिक्रॉन प्रभावी हो जाता है, लेकिन मामूली बीमारी का कारण बनता है, तो यह वायरस के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित होगा और इसे मौसमी खतरे जैसे इन्फ्लूएंजा की तरह ट्रीट किया जाएगा.यूरोपियन यूनियन की एक पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने कहा कि यह वैरिएंट यूरोप में कुछ ही महीने में फैले आधे से ज्यादा कोरोना इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार हो सकता है.

एक तरफ जहां ओमिक्रॉन को लेकर अभी भी रिसर्च जारी है रोग विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को अभी भी इसे लेकर सतर्कता बरतनी बहुत जरूरी है. इसके लिए टीकाकरण या बूस्टर शॉट्स  लेने के साथ-साथ भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से बचे, मास्क पहने और लगातार हाथ धोते रहें.

 

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