कोरोना के बढ़ते केस के बीच अच्छी खबर आई है. 12 से 14 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन फरवरी के अंत तक या मार्च में शुरू हो सकता है. कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन एनके अरोरा ने यह जानकरी दी है. इससे पहले 3 जनवरी को 15 से 17 साल तक के उम्र के बच्चों की वैक्सीनेशन शुरू हुई थी. पिछले 13 दिनों में 3.31 करोड़ बच्चों(45%) को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.
फरवरी तक 15 से 17 उम्र के सभी बच्चों को डबल डोज लगाने का लक्ष्य
डॉक्टर अरोरा ने बताया कि हमलोग 15 से 17 साल की उम्र के सभी 7.4 करोड़ बच्चों को जनवरी के अंत तक वैक्सीन की पहली डोज लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं ताकि फरवरी से बच्चों को दूसरा डोज लगाई जा सके. उन्होंने कहा कि 12 से 14 साल तक के बच्चों को फरवरी के आखिरी या मार्च की शुरुआत से वैक्सीन लगाने की प्लानिंग है.
जल्द से जल्द किशोरों के टीकाकरण का लक्ष्य
डॉक्टर अरोरा ने बताया कि जैसे ही 15 से 17 साल की उम्र के बच्चों का डबल डोज खत्म होगा सरकार अगले उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्लानिंग करेगी. उन्होंने कहा किशोरों का टीकाकरण बहुत जरूरी है क्योंकि वे स्कूल और कॉलेज जाते हैं और ज्यादा लोगों को संपर्क में रहते हैं. यही वजह है कि सरकार ने प्राथमिकता के तौर पर जितनी जल्दी हो सके किशोरों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है.
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद जोग का कहना है कि किशोरो का टीकाकरण बहुत जरूरी है और ये सरकार का सराहनीय कदम है. इसके बाद अब सरकार को 5 से 14 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन पर भी ध्यान देना चाहिए. जितनी तेजी से बच्चों का वैक्सीनेशन होगा, कोरोना से जंग उतनी आसान हो जाएगी.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन जिसे 15 से 17 साल तक के बच्चों को दिया जा रहा है, इसे केंद्र ने 2-17 साल तक के बच्चों को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दी है. टीका 2-17 आयु वर्ग में बच्चों के परीक्षण में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है.