करक्यूमिन, विटामिन डी और मछली का तेल टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने करता है मदद? क्या होता है करक्यूमिन? कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ, जानिए

हल्दी में सक्रिय तत्व करक्यूमिन पाया जाता है जो मांसपेशियों के दर्द और अन्य बीमारियों में राहत देता है. इसमें मौजूद तत्व इंसुलिन लेवल को बनाए रखता है और डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है.

Curcumin is well-known for its anti-inflammatory
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

एक नए अध्ययन से पता चला है कि करक्यूमिन, विटामिन डी और मछली के तेल के सप्लीमेंट्स खाने से प्रीडायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है.थाईलैंड में महिदोल विश्वविद्यालय और राजाविथी अस्पताल के शोधकर्ताओं ने 24 सप्ताह तक इस पर परीक्षण किया और जैतून के तेल के साथ तीन अन्य इंग्रेडियेंट्स की तुलना की, जोकि परीक्षण में प्लेसीबो था. साथ ही साथ केवल कर्क्यूमिन और मछली के तेल का भी परीक्षण किया गया. परीक्षण के अंत में 75 ग्राम ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट और अन्य रक्त परीक्षणों का उपयोग करके प्रतिभागियों की ग्लाइसेमिक स्थिति और प्रत्यक्ष मधुमेह की प्रगति को मापा गया. मापे गए अन्य मापदंडों में शरीर के वजन, बॉडी मास इंडेक्स और लिपिड प्रोफाइल में बदलाव शामिल हैं.

अध्ययन इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पहले के अध्ययनों ने ब्लड ग्लुकोज को नियंत्रित करने में हल्दी और विटामिन डी के लाभों की जानकारी मिली. अकेले मछली के तेल का कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पाया गया, सिवाय इसके कि खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और  मधुमेह के रोगियों में हृदय संबंधी जोखिमों को कम करता है.

कैसे काम करता है करक्यूमिन?
परिणामों से पता चला कि करक्यूमिन की एंटी-डॉयबिटिक एक्टिविटी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेट्री प्रोसेस को दबाने की क्षमता के कारण हो सकती है. साथ ही, यह फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन और बॉडी मास इंडेक्स को काफी कम कर देता है. पहले के एक अध्ययन में पाया गया था कि प्रीडायबिटीज वाले लोग, जिन्होंने नौ महीने तक करक्यूमिन लिया था, उनमें प्लेसबो लेने वालों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना कम थी. लेखकों ने यह भी नोट किया कि करक्यूमिन बीटा कोशिकाओं के कार्य में सुधार करता है जो पैनक्रियाज में इंसुलिन बनाते हैं. इस बीच, एक अन्य शोध में विटामिन डी के 800 आईयू और कैल्शियम के 1,000 मिलीग्राम के संयुक्त दैनिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 33 प्रतिशत कम हो गया. निम्न विटामिन डी स्तरों को टाइप 2 मधुमेह के भविष्य के विकास का पूर्वानुमान दिखाया गया है. अध्ययन से पता चला है कि विटामिन डी सीरम के स्तर को सामान्य करने से टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम में 55 प्रतिशत सापेक्ष कमी आई है.

हालांकि, एक विशेषज्ञ के अनुसार, मधुमेह की प्रगति को रोकने में विभिन्न सप्लीमेंट्स की भूमिका पर कई अध्ययन हुए हैं लेकिन परिणाम विरोधाभासी रहे हैं. वह कहती हैं, "हम दृढ़ता से यह नहीं कह सकते हैं कि अनुपूरण प्रीडायबिटीज में मधुमेह की शुरुआत के जोखिम को कम करेगा, इस पर अधिक जांच की जरूरत है." आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

करक्यूमिन कैसे मदद करता है?
करक्यूमिन अपने एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ-साथ इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार और टाइप 2 मधुमेह के विकास में देरी के लिए जाना जाता है. मछली के तेल की एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रापर्टी इसके प्रभावों को कम करने के लिए जाना जाता है.

इसके पीछे क्या विज्ञान है?
ये वस्तुएं, चाहे वह हल्दी, विटामिन डी या मछली के तेल में मौजूद करक्यूमिन हो, मुख्य रूप से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाती हैं. वे मधुमेह रोगियों में एंडोथेलियल डिसफंक्शन को कम करते हैं और संबंधित जटिलताओं में देरी करते हैं.

क्या होता है करक्यूमिन
करक्यूमिन एक तरीके का रसायन होता है जोकि खासतौर पर हल्दी में पाया जाता है.करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट होते है जो हमारे शरीर में कोशिकाओं को खराब और नष्ट होने से बचाते है साथ ही एंटीऑक्सीडेंट कैंसर और दिल संबंधी रोगो को रोकने के लिए मददगार होते है. इसका मतलब यह वसा से बंधा होता है. यानी कि जब हम भोजन बनाने में तेल का इस्तेमाल करते हैं करक्यूमिन तेल से बंध जाता है और यह आसानी से हमारे पेट में अवशोषित हो जाता है. मधुमेह के अलावा, मछली का तेल, करक्यूमिन और विटामिन डी सेरेब्रोवास्कुलर और हृदय संबंधी समस्याओं के रोगियों में उपयोगी पाए गए हैं.

करक्यूमिन के फायदे
करक्यूमिन हमारे शरीर में लिवर को प्रभावित करता है जो शरीर में पित्त (bile) बनाता है जिससे हमारे शरीर में फैट छोटे फैटी एसिड्स      में टूट कर पच पाते हैं.
करक्यूमिन जोड़ों में होने वाली जलन को कम करने में भी बेहद मददगार होता है.
यह मांसपेशियों में होने वाली जकड़न और जुखाम, खांसी और कफ बनाने वाले कीटाणुओं को भी नष्ट करता है. 

करक्यूमिन को कैसे लिया जाए? 
करक्यूमिन हल्दी का एक बारीक गुण है. आप इतनी ज्यादा हल्दी नहीं खा सकते कि आपको पर्याप्त मात्रा में करक्यूमिन मिल जाए. ऐसे में अगर आपको करक्यूमिन का सीधा सेवन करना है तो आपको सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना चाहिए. हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा बहुत कम होती है जैसे 500gm हल्दी में आपको 15gm करक्यूमिन मिलता है. इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.


 

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