स्मोकिंग या धूम्रपान छोड़ना (Quit Smoking) हालांकि आसान नहीं है, लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं है. नई रिसर्च से पता चलता है कि स्मोकिंग छोड़ने की चाहत रखने वाले लोग अगर ऐसी गोली लें जो निकोटीन की क्रेविंग को कम कर सके तो धूम्रपान छोड़ना आसान हो सकता है. साइटिसिन दवा का इस्तेमाल यूरोप में कई सालों से किया जा रहा है, लेकिन ये अमेरिका, भारत सहित ज्यादातर देशों में उपलब्ध नहीं है. हाल ही में, इस दवा को यूके में Regulatory अप्रूवल मिला है. अब इस महीने के आखिर तक ये दवा यूके में भी उपलब्ध होगी.
कैसे की गई रिसर्च
अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स स्थित सेंट्रो नेशनल डी इन्टॉक्सिकेशियंस (सीएनआई) के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है. जिसमें उन धूम्रपान करने वालों की सफलता दर की तुलना उनसे की गई, जिन्होंने सिगरेट छोड़ने के लिए साइटिसिन, प्लेसबो, वेरेनिकलाइन (चैंपिक्स) या निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी ली थी.
धूम्रपान रोकने में ज्यादा प्रभावी है साइटिसिन
वैज्ञानिकों के अनुसार, लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के लिए साइटिसिन की गोलियां प्लेसबो की तुलना में ज्यादा प्रभावी थीं. रिसर्च से पता चला कि ये दवा वैरेनिकलाइन के जैसी थी और इसका प्रभाव भी निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी से ज्यादा था. अध्ययन के निष्कर्ष एडिक्शन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. इस अध्ययन से ये साफ है कि साइटिसिन दवा धूम्रपान रोकने में ज्यादा प्रभावी और सस्ती है. साइटिसिन एक प्लांट बेस्ड अल्कलॉइड है जो गोल्डन रेन ट्री (साइटिसस लैबर्नम) के बीजों में पाया जाता है. ये निकोटीन एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स का एगोनिस्ट है.
कई बीमारियों की जड़ है स्मोकिंग
दुनिया भर में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजह धूम्रपान है. धूम्रपान की वजह से लंग्स कैंसर, ओरल कैंसर, थ्रोट कैंसर, किडनी कैंसर और पेनक्रिएटिक कैंसर जैसी बीमारियां होती हैं. WHO के 2022 के एक डाटा के मुताबिक दुनिया में करीब 15 फीसदी लोग धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों की वजह से दम तोड़ देते हैं. ऐसे में साइटिसिन उन लोगों के काम आ सकता है जो सिगरेट छोड़ना चाहते हैं. रिसर्च के मुताबिक, वैरेनिकलाइन और साइटिसिन दवा ने 100 में से लगभग 14 को कम से कम छह महीने में धूम्रपान छोड़ने में मदद की.
कैसे लगती है स्मोकिंग की लत
जब लोग पहली बार स्मोकिंग करते हैं तो बॉडी में निकोटिन के रिसेप्टर्स बनना शुरू हो जाते हैं. जब धीरे-धीरे इन रिसेप्टर्स की संख्या बढ़ने लगती है तो लोगों को स्मोकिंग की लत लग जाती है. रिसर्च बताते हैं कि 60-75 फीसदी लोग सिगरेट छोड़ने की कोशिश के दौरान पहले छह महीने में दोबारा धूम्रपान करने लगते हैं.