हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा- "अगले 40 दिन मुश्किल", जानिए आने वाला समय क्यों है भारत के लिए अहम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अगले 30 से 40 दिनों तक लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी होगी और कोरोना से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. वहीं, कोरोना की चौथी लहर की आशंका देखते हुए सरकार भी पूरी तरह से तैयार है. ताकि, अगर देश में फिर से कोरोना मरीज बढ़े, तो उन्हें वक्त पर इलाज मुहैया कराया जा सके.

फिर बढ़ रहा है कोरोना का खतरा
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST
  • अगले 40 दिन देश के लिए बेहद अहम
  • ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 बढ़ रहा है संक्रमण 

चीन और यूरोप में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. उससे दुनिया के सामने एक बार फिर कोरोना का संकट खड़ा हो गया है. दुनिया में बढ़ते कोरोना संक्रमण और पिछले तीन सालों के ट्रेंड को देखें तो देश में कोरोना की चौथी लहर का आना तय माना जा रहा  है. लेकिन राहत की बात ये है कि अस्पताल में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर कम ही रहेगी. 

अगले 40 दिन देश के लिए बेहद अहम
अगले 40 दिन देश के लिए बेहद अहम हैं. ये चेतावनी एक्सपर्ट की ओर से दी गई है. जिनके मुताबिक जनवरी महीने में देश में कोरोना मरीज तेजी से बढ़ सकते हैं. इस वक्त चीन, जापान और अमेरिका समेत यूरोप के कुछ देशों में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा खराब हालात चीन में हैं. जहां अस्पताल कोरोना मरीजों से पटे पड़े हैं और श्मशानों में शवों का अंबार लगा है. क्योंकि वहां ज़ीरो कोविड पॉलिसी हटाए जाने के बाद हालात और भयावह हो गए हैं. लेकिन, चीन सही आंकड़े पेश नहीं कर रहा है. ऐसे में दुनिया के सामने एक बार फिर महामारी का संकट खड़ा हो गया है. अब भारत में भी चौथी लहर को लेकर आशंका जताई जाने लगी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब पूर्वी एशिया में कोरोना बढ़ता है तो उसके 30-35 दिन बाद भारत में भी नई लहर शुरू हो जाती है.

क्या कहता है तीन लहरों का ट्रेंड
देश में कोरोना की पिछली तीन लहरों का ट्रेंड ये बताता है कि कैसे धीरे-धीरे करके मामले बढ़ते हैं और फिर अचानक से संक्रमण तेज हो जाता है. कमोबेश कुछ ऐसा ही इस बार भी देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एक हफ्ते में देश में कोरोना के मामलों में 21 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 14 से 20 दिसंबर के बीच देशभर में कोरोना के 1,083 केस सामने आए थे. जबकि, 20 से 27 दिसंबर के बीच 1,317 मामले सामने आए हैं. हालांकि, 14 से 20 दिसंबर के बीच 18 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. तो वहीं, 20 से 26 दिसंबर के बीच 16 मौतें हुई हैं. लेकिन, मौत के इन आंकड़ों में कुछ पुरानी मौतें भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, देश में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. 22 दिसंबर तक एक्टिव केसेस की संख्या 3,380 थी, जो 27 दिसंबर तक बढ़कर 3,468 पर पहुंच गई.

- पहली लहर का ट्रेंडः देश में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था. पहली लहर का पीक 17 सितंबर 2020 को आया था. उस दिन करीब 98 हजार केस सामने आए थे. 10 फरवरी 2021 से पहली लहर कमजोर हुई और मामले कम होने लगे. पहली लहर करीब 377 दिन तक चली थी. इस दौरान 1.08 करोड़ मामले सामने आए थे और 1.55 लाख मौतें हुई थीं. हर दिन औसतन 412 मौतें  तीसरी लहर का ट्रेंडः ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई. 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई. 21 जनवरी को इसका पीक आया. उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे. फिर संक्रमण कम होने लगा. तीसरी लहर संक्रामक थी लेकिन जानलेवा नहीं थी. मात्र महीनेभर में ही तीसरी लहर में भारत में 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके थे. जबकि, 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई थी. हुईं.

- दूसरी लहर का ट्रेंडः मार्च 2021 से ही संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे. अप्रैल और मई में दूसरी लहर अपने चरम पर थी. 1 अप्रैल से 31 मई यानी 61 दिन तक कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई. इस दौरान 1.60 करोड़ नए मरीज मिले. 1.69 लाख लोगों की मौत हुई. यानी हर दिन औसतन 2,769 मरीजों की मौत हुई. दूसरी लहर का पीक 6 मई 2021 को आया था. तब एक दिन में 4.14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे. 

- तीसरी लहर का ट्रेंडः ओमिक्रॉन की वजह से देश में तीसरी लहर की शुरुआत हुई. 27 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर शुरू हुई. 21 जनवरी को इसका पीक आया. उस दिन 3.47 लाख मामले सामने आए थे. फिर संक्रमण कम होने लगा. तीसरी लहर संक्रामक थी लेकिन जानलेवा नहीं थी. मात्र महीनेभर में ही तीसरी लहर में भारत में 50.05 लाख नए मरीज मिल चुके थे. जबकि, 10 हजार 465 लोगों की मौत हुई थी. 
 

ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 बढ़ रहा है संक्रमण 
इस बार ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 संक्रमण बढ़ रहा है. ये सब-वेरिएंट कहीं ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, क्योंकि, इससे संक्रमित व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है. देश में ये सब-वैरिएंट कुछ महीनों से मौजूद है. हालांकि, एहतियात के तौर पर सरकार ने बीते कुछ दिनों से जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. एक तरफ जहां विदेश से आने वालों यात्रियों की एयरपोर्ट पर रैंडम जांच शुरू कर दी गई है. तो वहीं तीन दिन पहले देशभर के कोरोना अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई थी. ताकि, अगर नौबत पहली, दूसरी और तीसरी लहर जैसी आए, तो हालात पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके. हालांकि, कहा जा रहा है कि अगर नई लहर आती है तो अस्पताल में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर कम ही रहेगी.

लेकिन जरूरी है कि लोग भी ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 से बचने के लिए अगले 40 दिनों तक कोविड नियमों का पालन करें और बूस्टर डोज लगाएं.

 

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