पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ने में लगा हुआ है. कोरोना का टीका बनने के बाद अब कई लोगों ने इसकी बूस्टर डोज भी ले ली है. इसके अलावा कई टेबलेट भी तैयार की गई हैं. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फाइजर की टैबलेट पैक्सलोविड को मंजूरी दे दी है. डॉक्टरों को उम्मीद है कि फाइजर की एंटी-कोविड ओरल ड्रग पैक्सलोविड, अगले सप्ताह से भारत में उपलब्ध हो जाएगी. इस तरह अगर नए कोविड वैरिएंट से भारत में केस बढ़ते हैं तो ये टैबलेट उससे लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
कीमत के बारे में नहीं है कोई जानकारी
हैदराबाद स्थित हेटेरो (Hetero) को पहले ही 21 अप्रैल को भारत में दवा लॉन्च करने के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिल चुकी है. सूत्रों का मानना है कि दवा इसी हफ्ते पूरे देश में उपलब्ध हो सकती है. भारत में इसका मूल्य क्या होगा इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है. फाइजर की यह पिल निर्माट्रेलवीर (Nirmatrelvir) और रिटोनवीर (Ritonavir) के कॉम्बिनेशन से बनी है. WHO के अनुसार फाइजर की गोली कोविड के माइल्ड मरीजों को दी जाएगी, जोकि अभी सिर्फ डॉक्टर द्वारा सलाह दिए जाने पर दी जाएगी.
कम जोखिम वाले मरीजों पर होगी कारगर
कोरोना महामारी के इलाज के लिए पैक्सलोविड की गोली इस लड़ाई में एक और हथियार साबित होगी. इससे पहले रेमेडिसिविर और मोलनुपिरविर को मंजूरी दी गई थी. इसे अस्पताल में भर्ती किए जाने पर हल्के जोखिम और मध्यम श्रेणी के कोरोना रोगियों को दिया जाएगा. पैक्सलोविड के अध्ययन में पाया गया है कि इस गोली के सेवन से कोरोना रोगियों की अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को 85 फीसदी तक कम कर देगी. जोनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं का एक मॉजल होती हैं और बहुत कम दामों पर बाजार में उपलब्ध होती हैं.
कैसे लेनी है दवा?
बिजनेस स्टेंडर्ड ने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के प्रधान निदेशक न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ प्रवीण गुप्ता के हवाले से कहा है कि यह शुरुआती समय का उपचार है जिसे लक्षणों की शुरुआत में ही जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए. इसकी खुराक पांच दिनों के लिए प्रतिदिन दो बार लेनी है. यह दवा मोलनुपिरवीर से ज्यादा प्रभावकारी होगी और इसके लिए ज्यादा कुछ प्रीकॉशन लेने की भी जरूरत नहीं है. भारत में अगर अब कोविड-19 की लहर बढ़ती है, तो पैक्सलोविड इसमें एक महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकती है.