भारत में बूस्टर डोज की शुरुआत के बाद अभिभावकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर छोटे बच्चों को वैक्सीन कब तक लगेगी. हालांकि भारत के ड्रग रेगुलेटर ने कोवैक्सिन टीके को 12-18 साल की उम्र के बच्चों में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दे दी थी, लेकिन एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिश के बावजूद छोटे बच्चों के लिए ऐसा नहीं किया गया क्योंकि सरकार सुरक्षा पहलुओं के बारे में पूरी तरह से सुनिश्चित होना चाहती थी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने पिछले साल 12 अक्टूबर को बच्चों में कोवैक्सिन के उपयोग की सिफारिश करने के लगभग 10 सप्ताह बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी.
भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के बच्चों के लिए बताया सुरक्षित
सरकार द्वारा 15 से 18 आयु वर्ग के लोगों के बीच कोवैक्सिन के उपयोग की अनुमति देने के कुछ दिनों बाद, कोवैक्सिन के निर्माता भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि इसका टीका फेज 2 और फेज 3 ट्रायल में 2-18 साल के बच्चों के लिए "सुरक्षित, सहन करने योग्य और इम्युनोजेनिक" पाया गया. हैदराबाद स्थित फर्म ने कहा कि बच्चों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी औसतन वयस्कों की तुलना में 1.7 गुना अधिक पाई गई. भारत बायोटेक के बयान के अनुसार क्लिनिकल परीक्षण के दौरान कोई गंभीर प्रतिकूल घटना सामने नहीं आई.
25 दिसंबर को ड्रग्स कंट्रोलर ने दी थी मंजूरी
बच्चों के लिए ये ट्रायल पिछले साल जून और सितंबर के बीच आयोजित किए गए थे. परीक्षण में शामिल शोधकर्ताओं ने कहा है कि रिपोर्ट ने दो टीकाकरणों में से दूसरे के चार सप्ताह बाद तक प्राप्त आंकड़ों को प्रस्तुत किया था. लेकिन अंतिम टीकाकरण के छह महीने बाद तक डेटा एकत्र करने के लिए अध्ययन जारी है, जिसे अलग से रिपोर्ट किया जाएगा. डेटा अक्टूबर में सीडीएससीओ को प्रस्तुत किया गया था और 25 दिसंबर को ड्रग्स कंट्रोलर ने 12-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए इसके आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी.