AIIMS free medicine list: दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे मरीजों को बड़ी राहत, कैंसर और डायबिटीज की महंगी दवाएं अब मिलेंगी मुफ्त

शामिल की गई दवाओं में पाल्बोसिक्लिब, डेसैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट, ट्राइमेज़ेट, मेस्ट्रोल एसीटेट और ल्यूकोवोरिन जैसी दवाएं शामिल हैं. इसके अलावा इंसुलिन इंजेक्शन भी मुफ्त में उपलब्ध होंगे. इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST
  • गरीब तबके के मरीजों को बड़ी राहत
  • दिल्ली एम्स में कैंसर की महंगी दवाएं अब मिलेगी मुफ्त

AIIMS में इलाज करा रहे गरीब लोगों के लिए राहत भरी खबर है. अब महंगी दवाएं खरीदने के लिए उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा. दिल्ली एम्स की फार्मेसी में अब 63 नई दवाएं जोड़ दी गई हैं, जोकि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त में मिलेगी. इसके साथ ही एम्स में फ्री में मिलने वाली दवाओं की संख्या बढ़कर 359 हो गई है. इन दवाओं में कैंसर और डायबिटीज की दवाएं भी शामिल हैं जो आमतौर पर बाहर काफी महंगी बिकती हैं.

इंसुलिन इंजेक्शन भी मिलेंगे मुफ्त

लिस्ट में शामिल की गई दवाओं में पाल्बोसिक्लिब, डेसैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट, ट्राइमेज़ेट, मेस्ट्रोल एसीटेट और ल्यूकोवोरिन जैसी दवाएं शामिल हैं. इसके अलावा इंसुलिन इंजेक्शन भी मुफ्त में उपलब्ध होंगे. इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.

कैंसर में इस्तेमाल होती हैं ये दवाएं

डॉक्टरों के मुताबिक, जो दवाएं मुफ्त में उपलब्ध हैं, उनमें आमतौर पर इमैटिनिब और डेसैटिनिब दवाएं (ब्लड कैंसर के रोगियों के लिए), टैमोक्सीफेन, पाल्बोसिक्लिब, साइक्लोफॉस्फेमाइड और एनास्ट्रोज़ोल (ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों के लिए), टेमोजोलोमाइड (ब्रेन कैंसर के लिए) हैं. इसके अलावा, सोराफेनीब नाम की दवा का उपयोग लीवर कार्सिनोमा के इलाज के लिए किया जाता है और कैपेसिटाबाइन का उपयोग पित्ताशय के कैंसर के रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है. 

गरीब मरीजों के लिए आशा की किरण

मीडिया सेल प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा कि फार्मेसी उन गरीब मरीजों के लिए आशा की किरण है जो आर्थिक कारणों से महंगी दवाएं नहीं ले पाते हैं. पहले सूची में कम दवाएं शामिल होने के कारण मरीजों को डॉक्टरों द्वारा लिखी गई कई दवाएं निशुल्क नहीं मिल पाती थी. बता दें, दिल्ली एम्स के डॉक्टर भी लंबे समय से जेनेरिक फार्मेसी की लिस्ट में अतिरिक्त दवाओं को शामिल करने की मांग कर रहे थे. 

 

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