दिल्ली का पहला मंकीपॉक्स संक्रमित अस्पताल से हुआ डिस्चार्ज, 20 डॉक्टरों की टीम ने किया इलाज

मंकीपॉक्स एक DNA वायरस है. अगर मंकीपॉक्स से पीड़ित किसी मरीज की इम्युनिटी कमजोर है तो खतरा ज्यादा है. कोरोना की वैक्सीन का इस पर कोई असर नहीं होता है. ये बीमारी स्किन पर ज़्यादा असर करती है. ब्रेन या आंखों पर भी इसका असर होता है.

Monkeypox case in India
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST
  • स्किन पर ज्यादा असर करती है बीमारी
  • 20 डॉक्टर्स की है टीम

देश में मंकीपॉक्स वायरस से मौत का पहला मामला सामने आया तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली में एक मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज ठीक हो गया है. दिल्ली के पहले मंकीपॉक्स संक्रमित को LNJP अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. 

LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने कहा, "लोकनायक अस्पताल के लिए ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. मंकीपॉक्स के इलाज में हमारे डॉक्टर्स की जो टीम लगी है, मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने दिन रात मेहनत की और यह मरीज ठीक हो गया. उस पेशेंट को साइकोलॉजीकल सपोर्ट की भी ज़रूरत थी. उसके लिए भी हमारी टीम ने काम किया. यह मरीज दिल्ली से ही है. हिमाचल की इसकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री थी. हमारे यहां एडमिट होने से पहले, 15 दिन तक वो बीमार था. उसे फीवर था और स्कीन में प्रॉब्लम थी. LNJP में वो 11 दिन एडमिट रहा. उसकी शुरुआती दो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं. तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद हमने उसे डिस्चार्ज कर दिया है."

स्किन पर ज्यादा असर करती है बीमारी
डॉक्टर ने बताया कि ये वायरस कोरोना से अलग है. मंकीपॉक्स एक DNA वायरस है. अगर मंकीपॉक्स से पीड़ित किसी मरीज की इम्युनिटी कमजोर है तो खतरा ज्यादा है. कोरोना की वैक्सीन का इस पर कोई असर नहीं होता है. ये बीमारी स्किन पर ज़्यादा असर करती है. ब्रेन या आंखों पर भी इसका असर होता है. मंकीपॉक्स मरीज के इलाज में ध्यान रखा जाता है कि मरीज को बुखार न आए और शरीर में पानी की कमी न हो. इन्फेक्शन होने पर सभी बेसिक टेस्ट किए जाते हैं. 

20 डॉक्टर्स की है टीम
मंकीपॉक्स के मरीज का इलाज LNJP अस्पताल के आयसोलेशन वार्ड में चल रहा है. इस वार्ड में फिलहाल 6 बेड्स की व्यवस्था की गयी है. अस्पताल में 20 डॉक्टर्स की टीम तैनात है जिसमें स्किन स्पेशलिट, फिजिशियन, माइक्रो बायोलॉजी के साथ साथ नर्सिंग स्टॉफ, हेल्थ वर्कर्स शामिल हैं.

अभी स्टेबल है पेशेंट
इसके अलावा डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स एक नया केस सामने आया है. अफ्रीकन मूल का निवासी मंकीपॉक्स पॉजिटिव पाया गया है. वो 2 दिन पहले ही हमारे यहां एडमिट हुआ था. उसकी उम्र 31 साल है और लंबे समय से दिल्ली में रह रहा है. एडमिशन के समय उसे फीवर था, स्किन पर निशान थे, फेस पर भी निशान थे. सिर दर्द और बॉडी दर्द था. अभी उसकी बॉडी का टेंपरेचर कुछ कम हुआ है और पेशेंट स्टेबल है.

मरीज की हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करते हुए मेडिकल डायरेक्टर ने बताया कि संक्रमित में मल्टी ऑर्गन इंवॉल्वमेंट या ब्रेन इन्वॉल्वमेंट जैसा कुछ नहीं है. वायरल निमोनिया भी नहीं है. उसकी एक्स-रे रिपोर्ट सही है. पहले उसे हमने सस्पेक्ट कैटेगरी में रखा था, लेकिन जैसे ही रिपोर्ट आई और पता चला कि पॉजिटिव है. उसे अलग से ट्रीट कर रहे हैं. उसके कॉन्टैक्ट में जो लोग आए हैं, उनकी ट्रेसिंग की जा रही है. LNJP अस्पताल में कल रात भी एक मंकी पॉक्स सस्पेक्ट एडमिट हुआ है. फिलहाल अस्पताल में 1 पॉजिटिव मरीज और 2 सस्पेक्ट भर्ती हैं.

 

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