Dementia: वैज्ञानिकों का कमाल, अब 15 साल पहले ही हो जाएगी डिमेंशिया विकसित होने की जानकारी

डिमेंशिया (Dementia) के शुरुआती लक्षणों में चीजें रखकर भूल जाना, चीजों को खोना या गलत जगह पर रख देना, चलते या गाड़ी चलाते समय कहीं और खो जाना आदि शामिल है. डिमेंशिया (Dementia) कोई खास बीमारी नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है.

Dementia
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST
  • दुनियाभर में करीब 55 मिलियन की आबादी डिमेंशिया से पीड़ित है
  • डिमेंशिया कोई खास बीमारी नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है

डिमेंशिया (Dementia) की रोकथाम के क्षेत्र में वैज्ञानिकों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बायोमार्कर की पहचान की है जिसका इस्तेमाल डिमेंशिया के विकास को रोकने के लिए किया जा सकेगा. प्रोटीन का ये ग्रुप 15 साल पहले ही बता देगा कि अमुक इंसान भविष्य में डिमेंशिया से पीड़ित होगा या नहीं. इसका इस्तेमाल डिमेंशिया होने के खतरे को कम करने के लिए किया जा सकेगा. इससे अल्जाइमर (Alzheimer) जैसी बीमारियों को शुरुआती चरण में ही रोकने में मदद मिलेगी. अध्ययन के नतीजे नेचर एजिंग (Nature Aging) नामक एक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं.

कैसे की गई स्टडी

इस स्टडी के लिए यूके बायोबैंक से 50 हजार हेल्दी लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए. इनमें से 14 साल में 1,417 लोगों में डिमेंशिया विकसित हो गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि चार प्रोटीन- जीएफएपी, एनईएफएल, जीडीएफ15 और एलटीबीपी2 - के हाई ब्लड लेवल डिमेंशिया से जुड़े थे. जीएफएपी एक ऐसा प्रोटीन है जोकि कोशिकाओं को बनाने में सपोर्ट प्रदान करता है.

नए अध्ययन से पता चलता है कि जिन लोगों के खून में जीएफएपी का लेवल हाई होता है, उनमें सामान्य स्तर वाले लोगों की तुलना में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना दोगुनी से ज्यादा होती है और अल्जाइमर विकसित होने की संभावना लगभग तीन गुना अधिक होती है.

55 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित

डिमेंशिया एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिससे आपके रोजाना के कामों पर असर पड़ता है. इस बीमारी में अक्सर व्यक्ति अपना सामान रखकर भूल जाता है. कई बार तो अपना घर पहचानने में भी परेशानी आती हैं. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक इस वक्त दुनियाभर में करीब 55 मिलियन यानी साढ़े 5 करोड़ लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं. इनमें से 60% से ज्यादा की आबादी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं. हर साल डिमेंशिया के लगभग 10 मिलियन यानी एक करोड़ नए मामले सामने आते हैं.

डिमेंशिया के लक्षण

Dementia के शुरुआती लक्षणों में चीजों या हाल की घटनाओं को भूल जाना, चीजों को खोना या गलत जगह पर रख देना, चलते या गाड़ी चलाते समय कहीं और खो जाना, जानी पहचानी जगहों पर भी भ्रमित होना, समय का ध्यान न रखना, समस्याओं को सुलझाने या निर्णय लेने में कठिनाई होना, बातचीत करने में समस्या या शब्दों को ढूंढने में परेशानी, रोजाना के कामों को करने में कठिनाई आदि शामिल है.

 

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