डिमेंशिया दुनिया भर में फैली एक ऐसी बीमारी है जो बढ़ती उम्र के लोगों को खासकर अपना शिकार बनाती है. यह एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग घटती याददाश्त,पढ़ने-सोचने की शक्ति कम होना आदि के लिए इस्तेमाल होता है.मनोभ्रंश के सभी मामलों में से लगभग 60-80% अल्जाइमर रोग के कारण होते हैं.
महिलाओं में ज्यादा पाए जाते हैं लक्षण
डिमेंशिया के मामले हर साल बढ़ रहे हैं.ऐसी उम्मीद है कि 2050 तक लगभग 130 मिलियन वैश्विक आबादी को ये प्रभावित कर सकते हैं.कई लोगों को जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं में इसके मामले पुरुषों के मुकाबले अधिक हैं. अभी भी महिला स्वास्थ्य में स्तन कैंसर के बारे में उतनी बात नहीं की जाती है जो हर साल समान संख्या में रोगियों को प्रभावित करता है.यूके में अल्जाइमर रिसर्च ग्रुप के अनुसार,60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में डिमेंशिया विकसित होने का जोखिम स्तन कैंसर की तुलना में दोगुना है. ब्रिटेन में डिमेंशिया के 8,50,000 मरीजों में से 5 लाख से ज्यादा महिलाएं हैं. 65साल की उम्र के बाद हर 5 साल में जोखिम दोगुना हो जाता है.
क्या है इसका कारण?
वैसे तो महिलाओं में इसका जोखिम ज्यादा होने के कई सारे कारण हैं लेकिन उम्र इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं और इसलिए, वे अपने बुढ़ापे के दौरान डिमेंशिया के साथ रहती हैं. फिजिकल वर्कआउट रेसियो,ब्लड प्रेशर में बदलाव और हार्मोनल कारण (एस्ट्रोजन) भी महिलाओं में इस बढ़ते जोखिम में योगदान देने वाले कुछ कारक हैं. इसका एक और कारण देखभालकर्ता (caregiver) के रूप में उनकी भूमिका है. अधिकांश निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में डिमेंशिया रोगियों की प्रोफेशनल और पारिवारिक देखभाल करने वाली लगभग 90% महिलाएं हैं. इस दौरान उन्हें कम समर्थन मिलता है और यह अलगाव उनकी याददाश्त और सोचने की क्षमता में गिरावट का प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है.
इसका उद्देश्य महिलाओं के बीच मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और डिमेंशिया के प्रति उन्हें जागरूक करना है.हालांकि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है,लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बुनियादी बदलाव महिलाओं में इस बीमारी के विकसित होने की संभावना को कम करने में मदद कर सकते हैं.
1. हेल्दी डाइट
फाइबर,फल,सब्जियां,साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार एंटी-ऑक्सीडेटिव माना जाता है और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है.
2.व्यायाम
सप्ताह में कम से कम 5 बार 30 मिनट की सैर का नियमित व्यायाम ब्लड सर्कुलेशन में मदद करने और याददाश्त आदि चीजों को ठीक रखने में मदद करता है.
3.मोटापा
सभी शोधकर्ताओं ने कूल्हे/कमर के अनुपात का डिमेशिया से सीधा संबंध पाया है. स्वस्थ जीवन शैली के साथ,विशेष रूप से गर्भावस्था के बाद,महिलाओं को शरीर का वजन सामान्य बनाए रखना चाहिए ताकि उनमें डिमेंशिया विकसित होने की संभावना कम हो सके.
4. पदार्थ
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मस्तिष्क के बिगड़ते स्वास्थ्य से जुड़ा है.
5. नींद
ऐसा माना जाता है कि लगातार नींद की कमी से डिमेंशिया और अन्य बीमारियां विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. महिलाओं को हर रात 7-8 घंटे की क्वालिटी स्लीप लेना जरूरी है.
6.नियमित स्वास्थ्य जांच
यह ज्ञात है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखती हैं और हेल्थ चेकअप नहीं कराती हैं. एक शोध से यह भी पता चला है कि महिलाएं अपने साथी/परिवार के सदस्यों की देखभाल की तुलना में अपने स्वास्थ्य जांच के बारे में 46% कम सक्रिय रहती हैं. किसी भी चिकित्सीय स्थिति से बचने के लिए प्रत्येक महिला को वर्ष में एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए.