How to come out of Depression: दयालु रवैया अपनाकर कम किया जा सकता है डिप्रेशन, रिसर्च में हुआ खुलासा

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि किसी भी व्यक्ति के तरफ दयालु रवैया अपनाकर उसे डिप्रेशन से निकाला जा सकता है.

दयालु रवैया अपनाकर कम किया जा सकता है डिप्रेशन, रिसर्च में हुआ खुलासा
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

चिंता और अवसाद इन दिनों एक आम समस्या है. आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग इसका शिकार हो जाते हैं. लेकिन अगर उन लोगों के प्रति दयालु रवैया अपनाया जाए, तो वो आसानी से इस चिंता से निकल सकते हैं. दरअसल ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि दयालु रवैये अपनाकर लोगों को चिंता और अवसाद की भावना से दूर किया जा सकता है. उस अध्ययन में यह भी पाया गया कि चिंता और अवसाद के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दूसरे ट्रीटमेंट्स की तुलना में दयालु रवैया और अच्छा व्यवहार सबसे कारगर है. ऐसा करने से लोग एक दूसरे से ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. बता दें कि अध्ययन, जो ओहियो राज्य के छात्र डेविड क्रेग और उसी संस्थान के मनोविज्ञान के प्रोफेसर जेनिफर चेवेन्स द्वारा आयोजित किया गया था.  
 
एक दूसरे की मदद करना है इलाज
चेवेंस, जिन्होंने क्रेग को अपना शोध करने में मदद की, कहते हैं कि जब लोग दूसरों की मदद करते हैं, तो यह उन्हें अपने स्वयं के डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों से पॉजिटिव डिस्ट्रैक्शन देता है. यह खोज डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों से पीड़ित लोगों से संपर्क करने के तरीके को बदल सकती है. उन्होंने आगे कहा कि "हम अक्सर सोचते हैं कि डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों के पास निपटने के लिए पर्याप्त है, इसलिए हम उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए कहकर उन पर बोझ नहीं डालना चाहते. लेकिन इस अध्ययन के परिणाम इसके विपरीत हैं. लोगों के लिए अच्छी चीजें करना और दूसरों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना वास्तव में अवसाद और चिंता वाले लोगों को अपने बारे में बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है."
 
सेंट्रल ओहियो से लिया गया था सैंपल
इस रिसर्च का सैंपल में सेंट्रल ओहियो के लोगों को ही लिया गया था. अवसाद, चिंता और तनाव के मध्यम से गंभीर लक्षणों वाले प्रतिभागियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया था. 10 सप्ताह की अवधि के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि तीनों समूहों के प्रतिभागियों ने चिंता और अवसाद के लक्षणों में गिरावट के साथ-साथ जीवन संतुष्टि में वृद्धि देखी. क्रेग नोट करते हैं, "ये परिणाम उत्साहजनक हैं क्योंकि वे सुझाव देते हैं कि सभी तीन अध्ययन हस्तक्षेप संकट को कम करने और संतुष्टि में सुधार करने में प्रभावी हैं."
 
कई बार लोग डिप्रेशन में अकेले पड़ जाते हैं. ऐसी स्थिति में भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अकेले दम पर भी डिप्रेशन से बाहर निकला जा सकता है. आइए इसके लिए जरूरी टिप्स जानते हैं.
 
1. अगर आप अकेले हैं तो आपको मेडिटेशन करना चाहिए. ऐसा करने से आपके दिमाग के नेगेटिव थॉट्स निकलेंगे, और आप कुछ बेहतर सोच पाएंगे. अध्यात्म के सहारे आप खुद को अकेला नहीं महसूस करेंगे और धीरे-धीरे डिप्रेशन से उबरने लगेंगे.
 
2. कई बार गार्डनिंग करना भी आपको डिप्रेशन से बाहर निकाल सकता है. प्रकृति और पेड़-पौधों से प्यार करना दिमागी शांति के लिए काफी फायदेमंद है. धीरे-धीरे प्रकृति की सहनशीलता आपके अंदर प्रवेश करने लगती है. ऐसा करने से आप नकारात्मक विचारों से दूरी बना लेते हैं.
 
3. आप एक्सरसाइज भी कर सकते हैं. एक्सरसाइज करने से हमारे दिमाग में हैप्पी हार्मोन्स बनते हैं, जिससे आपका मूड हमेशा खुशनुमा बना रहेगा और आप डिप्रेशन से बाहर आ जाते हैं.
 
4. डिप्रेशन से निकलने के लिए म्यूजिक भी एक कारगर इलाज है. जो आपके तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है. आप म्यूजिक की सहायता से अपना मूड बेहतर बना सकते हैं और इसकी मदद से मेडिटेशन भी कर सकते हैं. हालांकि ध्यान रखें कि म्यूजिक दर्द या गम वाला न हो.
 
5. अगर आप डिप्रेशन में हैं तो आप पालतू जानवर भी पाल सकते हैं, कई शोध में पाया गया है कि जो लोग अपने पास पालतू जानवर रखते हैं, वो मानसिक स्थिति से ज्यादा मजबूत होते हैं.
 
 

 

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