Depression की वजह से हो रही है चीजें याद करने में परेशानी? Smell Therapy कर सकती है मदद 

जब व्यक्ति डिप्रेशन में होता है तो वो चीजें भूलने लगता है. लेकिन कई मेमोरीज याद रखने में स्मेल थेरेपी मदद कर सकती है. इसका कारण है कि हमारे शरीर का स्ट्रक्चर कुछ इस तरह है कि इसमें हमारी नाक, मूड और मेमोरी सभी किसी ने किसी तरीके से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.

Depression
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • स्मेल थेरेपी कर सकती है मदद 
  • 32 लोगों को किया गया रिसर्च में शामिल 

कई लोग डिप्रेशन (Depression) से जूझ रहे हैं. ऐसे में एक स्टडी में सामने आया है कि ऐसे लोग जल्दी अपनी यादें (Memories) भूल जाते हैं. जैसी, मान लीजिए अगर अगर डिप्रेशन वाले व्यक्ति के सामने "पार्टी" शब्द कहा जाए तो उन्हें याद आएगा कि मुझे कोई पार्टी में इनवाइट नहीं करता है. जबकि बिना डिप्रेशन वाले इंसान को "पार्टी" शब्द सुनकर तुरंत बचपन का जन्मदिन या किसी दोस्त के घर की पार्टी का कोई किस्सा याद आ जाएगा.

पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर किम्बर्ली यंग के मुताबिक, डिप्रेशन वाले लोगों के पास यादें तो खूब सारी होती हैं, लेकिन वे उन यादों तक पहुंच नहीं पाते हैं. या उन्हें उन सभी मौकों को याद करते हुए दिमाग पर काफी जोर देना पड़ता है. 

स्मेल थेरेपी कर सकती है मदद 

लेकिन इसमें स्मेल थेरेपी मदद (smell therapy) कर सकती है. जिस सुगंध के बारे में उनको पता है उससे उन्हें अपनी मेमोरीज को अनलॉक करने में मदद मिल सकती है. जैसे कॉफी की खुशबू या स्मोकिंग आदि. डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को अधिक सोचने से बचने में इस तरह की स्मेल मदद कर सकती हैं. इसका कारण है कि इन खुशबुओं से अक्सर उनका भावनात्मक लगाव होता है. जिसकी वजह से उन्हें वो मेमोरीज भी याद रहती हैं. 

32 लोगों को किया गया रिसर्च में शामिल 

इस रिसर्च में डिप्रेशन से पीड़ित 32 वयस्कों को शामिल किया गया. प्रतिभागियों को कांच के जार से 24 सैंपल सूंघने के लिए कहा गया. इनमें नारंगी, लैवेंडर, वेनिला अर्क, जीरा, व्हिस्की, रेड वाइन, केचप, कफ सिरप, कीटाणुनाशक और जूता पॉलिश शामिल थे. फिर प्रतिभागियों को उन संकेतों के जवाब में अपने जीवन से एक मेमोरी शेयर करने के लिए कहा गया. लगभग 68% लोगों ने सूंघने के बाद उससे जुड़ी कुछ यादें शेयर की. और इन मेमोरी को याद करने में उन्हें ज्यादा मुश्किल भी नहीं हुई. 

नाक, मूड और मेमोरी सब एक दूसरे से जुड़े हैं 

कई स्टडी बताती हैं कि डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में सूंघने की शक्ति कम हो जाती है. इसका कारण है कि हमारे शरीर का स्ट्रक्चर कुछ इस तरह है कि इसमें हमारी नाक, मूड और मेमोरी सभी किसी ने किसी तरीके से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. यही वजह है कि जब हम कोई विशेष गंध सूंघते हैं तो हैं उससे जुड़ी कोई अच्छी याद हमारे जेहन में आ जाती है. 


 

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