Diabetes Control Tips: एक बेहतर लाइफस्टाइल को अपना कर हम सेहत भरी जिंदगी जी सकते हैं. अच्छी सेहत मतलब एक ऐसा शरीर जो बीमारियों से दूर हो, और बीमारियों का जिक्र आते ही एक बीमारी जो सबसे पहले याद आती है वो है डायबिटिज . लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव ला कर डायबिटिज से दूर रह सकते हैं. इस आर्टिकल में बता रहे हैं लाइफस्टाइल के ऐसे ही कुछ टिप्स
मोटापे पर कंट्रोल
मोटापा सारी बीमारी का जड़ होता है. डॉक्टर ऐसा बताते हैं कि वजन कम करने से तमाम तरह की बीमारियां दूर रहती हैं. ठीक इसी तरह मोटापा कम होने से डायबिटिज पर भी कंट्रोल किया जा सकता है. एक रिसर्च के मुताबिक लोगों ने सिर्फ व्यायाम और खान-पान में बदलाव करके मोटापा लगभग 7 फिसद तक कम किया, इस तरह इन लोगों में डायबिटिज का खतरा लगभग 60 फिसद तक कम हो गया. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने सिफारिश की है बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रीडायबिटीज वाले लोग जितना वजन कम करते हैं उन्हें डायबिटिज का खतरा उतना ही कम होता है.
रहें खूब एक्टिव
रेगुलर शारीरिक एक्टिविटी से कई फायदे होते हैं. जैसे बढ़ते हुए वजन में कमी, ब्लड शुगर पर कट्रोंल. फिजिकल एक्टिविटी से शरीर में इंसुलिन काबू में रहता है. जिससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल सही रहता है.
एरोबिक एक्सरसाइज -हफ्ते में कम से कम 150 मिनट के लिए या उससे ज्यादा एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, तैरना, बाइक चलाना या दौड़ना काफी फायदेमंद होता है.
Resistance exercise- Resistance exercise शरीर की ताकत में इजाफा करता है.
डाइट में शामिल करें हरी सब्जी
हरी सब्जियां विटामिन, खनीज और कार्बोहाइड्रेट का सबसे बढ़िया सोर्स होती हैं. कार्बोहाइड्रेट में शर्करा और स्टार्च शामिल होते हैं . जो शरीर में उर्जा और फाइबर पैदा करते हैं. फाइबर युक्त खाना बढ़ते हुए वजन को भी कंट्रोल करता है. जिससे मधुमेह का खतरा कम हो जाता है.
बिना स्टार्च वाली सब्जियां, जैसे पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली और फूलगोभी के अलावा फलियां, जैसे सेम, चना और दाल भी वजन कम करने में काफी मददगार होते हैं. साबुत अनाज, जैसे कि होल-व्हीट पास्ता और ब्रेड, होल ग्रेन राइस, होल ओट्स, और क्विनोआ में भी काफी मात्रा में फाइबर होता है.
वसा यानी फैट के सही सोर्स का सेवन
वसा से भरपूर खानों में हाई कैलोरी पाई जाती है, इसलिए इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए. ये वजन कम करने का सबसे आसान तरीका हो सकता है. इसके लिए ये जानना जरूरी है कि फैट यानी वसा दो तरह के होते हैं.
असंतृप्त वसा - ये वैसे फैट हैं कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करते हैं और इससे दिल की बीमारियां होने के खतरे भी कम होते हैं. जैतून, सूरजमुखी, कुसुम, बिनौला और कैनोला तेल
नट और बीज, जैसे बादाम, मूंगफली, अलसी और कद्दू के बीज असंतृप्त वसा का बेहतर सोर्स माने जाते हैं.
संतृप्त वसा- इन्हें खराब वसा की कैटेगरी में रखा गया है. डेयरी उत्पाद और मांस इनका सबसे बड़ा सोर्स होते हैं. ये आपके आहार में छोटे हिस्से में शामिल होने चाहिए.
मेथी दाना का इस्तेमाल
डायबिटीज पर मेथी के असर को लेकर अब तक बहुत से अध्ययन हो चुके हैं, जो इसके बहुत से फायदे बताते हैं. रिसर्च बताती है कि मेथी में प्रोबायोटिक्स गुण होते हैं. यह गुण शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बिना प्रभावित किए हुए बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. इसके अलावा खून में शुगर लेवल को भी कम करने का भी काम करते हैं, जिससे मधुमेह के खतरे से आप बचे रहते हैं. साथ ही बताया जाता है कि मेथी के दानों में अल्कलॉइड पाया जाता है, जो इंसुलिन को कंट्रोल करने में मदद करता है.
जबकि एक अध्ययन तो यह तक बताता है कि, अगर रोजाना 10 ग्राम मेथी का सेवन किया जाए तो इससे मधुमेह की वजह से होने वाली परेशानिों को भी कम किया जा सकता है. आपको बता दें कि सूखी मेथी के अंदर घुलनशील फाइबर और ग्लुकोमानन फाइबर होता है. यह आंतों से ग्लूकोज को अवशोषित करने में और मधुमेह को नियंत्रित करने का भी काम करते हैं. इसके अलावा मेथी के अंदर मौजूद एल्कलॉइड, इंसुलिन के उत्पादन को बेहतर करते हैं और ग्लाइसेमिक स्तर के कम होने की वजह बनते हैं .