क्या सच में UV रेडिएशन से बचाती हैं Sunscreen Pills? क्यों बढ़ रहा है इसका चलन?  

लोग यूवी रेडिएशन से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में सनस्क्रीन पिल्स का ट्रेंड बढ़ रहा है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर ये कैसे काम करती हैं और क्या ये पारंपरिक सनस्क्रीन से बेहतर विकल्प हैं? 

Sunscreen Pills (Representative Image/Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

खुद को यूवी रेडिएशन से बचाने के लिए हम अलग-अलग उपाय करते हैं. इसके लिए हम आमतौर पर सनस्क्रीन क्रीम, लोशन और स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, बाजार में एक नया चलन उभरा है: सनस्क्रीन पिल्स या सनस्क्रीन गोलियां. ये गोलियां मुह से खाई जाती हैं. और ये हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर ये कैसे काम करती हैं और क्या ये पारंपरिक सनस्क्रीन से बेहतर विकल्प हैं? 

सनस्क्रीन गोलियां कैसे काम करती हैं?
सनस्क्रीन गोलियां मुंह से दूसरी दवाइयों की तरह खाई जाती हैं. इनमें जिनमें आमतौर पर पॉलीपोडियम ल्यूकोटोमोस एक्सट्रेक्ट (polypodium leucotomos extract), बीटा-कैरोटीन (beta-carotene), या एस्टैक्सैन्थिन (astaxanthin) जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में डर्मेटोलॉजी सीनियर कंसलटेंट डॉ. डी.एम. महाजन ने इसे लेकर फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बात की. उनके अनुसार, ये यूवी रेडिएशन से हमें बचाती हैं. 

1. फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करना: यूवी एक्सपोजर स्किन में फ्री रेडिकल्स पैदा करती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन का कारण बन सकती है. सनस्क्रीन गोलियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इन्हें बेअसर करने में मदद करते हैं. 

2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करना: फ्री रेडिकल से मुकाबला करके, ये एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकते हैं, जो स्किन को जवां रखने में योगदान देता है.

3. मेलेनिन प्रोडक्शन में मदद: सनस्क्रीन गोलियों में मौजूद कुछ तत्व मेलेनिन प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं. इससे स्किन को नेचुरल तरीके से यूवी रेडिएशन से सुरक्षा मिलती है. 

क्या सनस्क्रीन गोलियां को FDA अप्रूव कर चुका है? 
यह ध्यान रखना जरूरी है कि सनस्क्रीन गोलियां सनस्क्रीन के रूप में FDA ने अप्रूव नहीं की हैं. जब धूप से सुरक्षा की बात आती है, तो सनस्क्रीन क्रीम और लोशन जैसी चीजों को ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, इसके भी कई कारण हैं. बाहर से लगाई जाने वाली सनस्क्रीन में अक्सर मिनिरल बेस्ड चीजें होती हैं. इसमें जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे तत्व होते हैं. ये स्किन पर एक परत बना देते हैं जो यूवी किरणों से स्किन को बचाने का काम करती है.

सनस्क्रीन गोलियों के नुकसान भी हैं
सनस्क्रीन गोलियों को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है लेकिन वे स्किन और शरीर पर दुष्प्रभाव डाल सकती हैं. इसमें कई चीजें शामिल हैं-

1. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी: इनमें पेट खराब होना या दस्त शामिल हो सकते हैं.

2. एलर्जी रिएक्शन: कुछ व्यक्तियों को इनसे एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं. 

3. दूसरी मेडिकेशन के साथ: दूसरी दवाओं के साथ यूवी रेडिएशन वाली पिल्स रिएक्ट कर सकती हैं. 

4. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस: कुछ एंटीऑक्सीडेंट की हाई डोज का लंबे समय तक उपयोग नुकसान पहुंचा सकता है. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकता है.

 

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