मानसून में मच्छर जनित बीमारियों का होना आम होता है. डेंगू, चिकनगुनिया, जीका, वेस्ट नाइल जैसी कई बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से फैलती हैं. कई मामलों में ये बीमारियां इतनी बढ़ जाती हैं कि जानलेवा साबित होती हैं. मच्छरजनित रोग की वजह से अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
Triple E से अमेरिका में मौत
इस मच्छर जनित बीमारी का नाम ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस (Triple E) वायरस बताया जा रहा है. ये बीमारी बेहद दुर्लभ है. न्यू हैम्पशायर के हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा, मरीज को दिमाग की सूजन की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसकी बाद में मौत हो गई. इससे पहले 2014 में इसका मामला सामने आया था. स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ये बीमारी फिर बढ़ रही है.
क्या होता है Triple E
ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस एक संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलने वाले वायरस के कारण होता है. यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है. इस बीमारी की वजह से दिमाग में सून आ जाती है.
दिमाग में सूजन की वजह बनता है Triple E
ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस की वजह से गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिजीज भी हो सकता है, जैसे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्लियों में सूजन, जिसे एन्सेफलाइटिस और मेनिनजाइटिस के रूप में जाना जाता है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस बीमारी से संक्रमित लोगों में से लगभग 30 प्रतिशत की मौत हो जाती है. और जो इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं उनमें भी शारीरिक या मानसिक प्रभावों देखने को मिलते हैं.
क्या हैं Triple E के लक्षण
फिलहाल EEE का कोई टीका या इलाज उपलब्ध नहीं है. इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, दस्त, दौरे, व्यवहार में बदलाव शामिल है.
सभी उम्र के लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन 50 साल से ज्यादा और 15 साल से कम उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा खतरा होता है.
कैसे बच सकते हैं इस बीमारी से
मच्छरों को कम करने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का उपयोग करने, लंबी बाजू के कपड़े पहनने, घरों में मच्छरदानी लगाने, खिड़की-दरवाजे बंद रखने और घरों के आसपास पानी जमा न होने देकर इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है.