अगर आप भी जरूरत से ज्यादा चीनी का सेवन करते हैं तो सतर्क हो जाएं. एस रिसर्च में खुलासा हुआ है कि चीनी सा ज्यादा सेवन आंत के लिए नुकसानदेह है. आंतों में सूजन के ज्यादातर मामले ज्यादा चीनी के सेवन से जुड़े हुए हैं. अमेरिका में हुए एक अध्ययन में ये जानकारी सामने आई है. अध्ययन में बताया गया है कि कैसे चीनी के ज्यादा सेवन से आंत की सूजन की समस्या देखने को मिल रही है. लोग अलग-अलग माध्यमों से रोजाना ना चाहते हुए भी चीनी का सेवन करते हैं. सोडा और कैंडी जैसी चीजों के जरिए सबसे ज्यादा शुगर शरीर में पहुंच रही है.
चूहों पर की गई रिसर्च
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक चीनी का सेवन आंत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. इस रिसर्च के लिए चूहों को दो समूहों में बांटा गया. एक समूह के चूहे उच्च चीनी आहार और दूसरे समूह को मानक आहार दिया गया. ज्यादा चीनी आहार लेने वाले सभी चूहों की आंतों में सूजन के चलते 9 दिनों के भीतर उनकी मौत हो गई. जबकि मानक आहार लेने वाले चूहे अंत तक जीवित रहे.
क्या निकले परिणाम
शरीर में चीनी की उपस्थिति में स्टेम कोशिकाएं बहुत धीरे-धीरे विभाजित हो जा रही थीं. कोशिकाओं का चयापचय भी अलग था. ये कोशिकाएं आम तौर पर फैटी एसिड का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं, लेकिन हाई शुगर की स्थिति में ऐसा लगता है कि वे चीनी का उपयोग करने में फंस गई. शोधकर्ताओं ने ये भी बताया कि ज्यादा शर्करा की स्थिति में सेल्स ने काफी हद तक चयापचय मार्गों को बदल दिया था और वे उर्जा देने वाला अणु एटीपी के निचले स्तर का उत्पादन करते थे, जोकि सेल्युलर प्रक्रियाओं को चलाता है. इस रिसर्च के परिणाम हमें यह समझाने में मदद कर सकते हैं कि मीठे खाद्य पदार्थों को कम करने से आईबीडी रोगियों को मदद मिलती है.
मीठे की वजह से बढ़ रहे आईबीडी मामले
आईबीडी के मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं. यह पाचन तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है. यह अर्बन लाइफस्टाइल में सबसे तेजी से बढ़ रहा है, इसके पीछे की वजह है उच्च चीनी वाले आहार का सेवन करना. इंफ्लामेंट्री बाउल डिजीज (आईबीडी) ज्यादातर 15 से 35 साल के लोगों में होता है. इस बीमारी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. अगर किसी मरीज में डायरिया जैसे लक्षण हों, दस्त लग जाएं, पेंट में ऐंठन, दस्त के साथ खून आए, वजन कम हो, गठिया दिखने लगे तो यह आईबीडी के लक्षण हो सकते हैं.