Endometriosis Disease: नहीं बन पा रहीं मां, बार-बार हो रहा है मिसकैरेज… ये बीमारी हो सकती है बड़ी वजह, करोड़ों महिलाएं हैं प्रभावित

एंडोमेट्रियोसिस की समस्या महिलाओं को गर्भाशय में होती है. दरअसल, महिलाओं के यूट्रस में अंदर की लेयर बनाने का काम एंडोमेट्रियम टिश्यू करते हैं. ऐसे में इस बीमारी में एंडोमेट्रियम टिश्यू में असामान्य बढ़ोत्तरी होने लगती है और वह गर्भाशय से बाहर फैलने लगता है.

Endometriosis
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST
  • गर्भाशय वाले किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है 
  • स्टेज 4 काफी गंभीर हो सकती है

दुनिया में कई सारी ऐसी महिलाएं हैं जो कई कोशिशों के बाद भी मां नहीं बन पाती हैं. उनका बार-बार मिसकैरेज हो जाता है. बच्चा गर्भाशय में नहीं रुक पाता है और उनका मां बनने का सपना केवल सपना रह जाता है.  हालांकि, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. इन्हीं कई सारी वजहों में से सबसे बड़ी वजह है एंडोमेट्रियोसिस की समस्या. दुनियाभर में करोड़ों महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ही बात करें तो 1 करोड़ से ज्यादा महिलाएं हर साल एंडोमेट्रियोसिस से ग्रस्त होती हैं. वहीं दुनिया की बात करें, तो ये संख्या 19 करोड़ है. इसमें सबसे ज्यादा वो महिलाएं हैं जिनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच में है. 

क्या है एंडोमेट्रियोसिस?

एंडोमेट्रियोसिस की समस्या महिलाओं को गर्भाशय में होती है. दरअसल, महिलाओं के यूट्रस में अंदर की लेयर बनाने का काम एंडोमेट्रियम टिश्यू करते हैं. ऐसे में इस बीमारी में एंडोमेट्रियम टिश्यू में असामान्य बढ़ोत्तरी होने लगती है और वह गर्भाशय से बाहर फैलने लगता है. ये लेयर कभी-कभी महिलाओं के अंडाशय, आंतो और दूसरे प्रजनन अंगो जैसी फेलोपियन ट्यूब तक भी फैल जाती है. 

इतना ही नहीं बल्कि एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी ज्यादा ब्लीडिंग और दर्द होता है. इतना ही नहीं इसके कारण ये फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकती है. 

गर्भाशय वाले किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है 

एंडोमेट्रियोसिस किसी भी गर्भाशय वाले व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. जैसे-महिलाएं, ट्रांसजेंडर पुरुष और गैर-बाइनरी व्यक्ति शामिल हैं. इसमें इलाज सही न मिलना भी एक बड़ा संकट है. ज्यादा दर्द की शिकायत करने वाले कई रोगियों को अक्सर खारिज कर दिया जाता है, ऐसे में डॉक्टरों का सुझाव होता है कि यह "सब आपके दिमाग में है." ऐसे में परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. 

हालांकि, अब जागरूकता आ जाने से अब चीजें बदल रही हैं. लीना डनहम, क्रिसी टेगेन, एमी शूमर, व्हूपी गोल्डबर्ग और अन्य प्रभावशाली हस्तियों ने एंडोमेट्रियोसिस पर खुलकर बात की है. इनकी कहानियों ने इस बीमारी को लोगों के सामने ला दिया है और इसके प्रभावों को उजागर किया है.

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या हैं? 

एंडोमेट्रियोसिस में स्टेज 1 से लेकर स्टेज चरण 4 तक शामिल होती है. स्टेज 4 काफी गंभीर हो सकती है. लक्षणों में पीरियड्स में ज्यादा दर्द होने से लेकर, ज्यादा ब्लीडिंग और असहनीय पेट दर्द शामिल है. इतना ही नहीं एंडोमेट्रियोसिस भी बांझपन का कारण बन सकता है, जिससे गर्भधारण की इच्छा रखने वालों को शारीरिक और भावनात्मक नुकसान हो सकता है. 

इतना ही नहीं इसमें होने वाला शारीरिक दर्द आपको अपंग कर सकता है. सेक्स के दौरान दर्द (डिस्परेयूनिया) भी इसी का एक कारण है. 


 

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