दांत की सुंदरता को बढ़ाने के लिए ‘टर्की टीथ नामक इलाज तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. दांतों के इलाज की यह प्रक्रिया टिकटॉक पर वायरल है. टिक टॉप पर इसे "तुर्की टीथ" नाम दिया गया है. इससे जुड़े वीडियोज को 130 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
क्या है टर्की टीथ
इस तकनीक में दांत निकालने से लेकर प्रत्यारोपण करने और दांतों की मरम्मत में कम समय लगता है. इसमें दांतों को घिसकर उन पर क्राउन/विनियर लगाया जाता है और मरीज इनका आकार, मटीरियल और रंग चुन सकते हैं. सर्जरी के तुरंत बाद ही लोग खाना खाने और सामाजिक गतिविधि में शामिल होने में सक्षम हो जाता हैं. इसमें दांत के ऊपर नकली टूथ कैप फिक्स कर दिया जाता है. यह 5 साल से 15 साल के बीच तक चलते हैं. हर साल हजारों मरीज दांतों के प्रत्यारोपण के लिए टर्की आते हैं.
किन लोगों के लिए हैं ये इलाज
टर्की टीथ तकनीक का इस्तेमाल उन लोगों को करवाना चाहिए जिनके दांत किसी दुर्घटना में टूट गए हों. लेकिन, युवाओं में दांतों को चमकाने की होड़ के चलते इस तकनीक से इलाज कराना फैशन बनता जा है. लिवरपूल इको की रिपोर्ट के मुताबिक 18 से 34 आयु वर्ग के बीच के लोग टर्की टीथ तकनीक का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं. यह इलाज सस्ता है ऐसे में लोग अपने दांतों को बदलवाने के लिए बड़ी संख्या में तुर्की पहुंच रहे हैं. पश्चिमी यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में तुर्की में दांतों के डॉक्टरों की फीस 55 प्रतिशत तक कम हैं. ब्रिटेन के डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को इसके चलते भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
डॉक्टरों ने जताया खतरा
आउटलेट के मुताबिक 48 वर्षीय लिसा मार्टिन ने अपने बेटे की शादी के लिए तुर्की जाकर दांतों का इलाज करवाया. हालांकि, महीनों बाद उन्हें पता चला कि उनके दांतों पर क्राउन चिपका दिए गए थे. 10 महीने बाद मार्टिन अब असहाय दर्द से पीड़ित हैं. वह ठीक से खाना भी नहीं खा पातीं. और इसकी वजह से उनका 12 किलोग्राम वजन घट गया है. वह पेन किलर के सहारे जीवन काट रही हैं. ब्रिटेन के डॉक्टरों ने लोगों को चेतावनी दी है कि इस तकनीक से इलाज कराने के बाद भविष्य में गंभीर चिकित्सकीय जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.