नजर का मामला है: महज 350 रुपये में खत्म होगी चश्मे की जरूरत! 15 मिनट में ही दवा की एक बूंद दिखाएगी असर

PresVu Eye Drops price: प्रेसबायोपिया एक ऐसी स्थिति है जो दुनिया भर में 1.09 बिलियन से 1.80 बिलियन लोगों को प्रभावित करती है. ये आई ड्रॉप न केवल पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को खत्म करता है बल्कि आंखों को ड्राई होने से भी बचाता है.

Eye drop for eyesight/Photo: Pixels
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • खत्म होगी चश्मे की जरूरत...
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आजकल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी को नजर का चश्मा लगने लगा है. लेकिन भारतीय बाजार में जल्द ही एक ऐसी आई ड्रॉप आने वाली है जिससे नजर का चश्मा हट जाएगा. इस नए आई ड्रॉप्स को भारत की दवा नियामक एजेंसी (DCGI) ने मंजूरी दे दी गई है. इस आई ड्रॉप की एक बूंद सिर्फ 15 मिनट में असर दिखाती है और इसका असर 6 घंटे तक रहता है.

भारत में तैयार की गई अपनी तरह की पहली दवा
इस आई ड्रॉप का नाम प्रेस्वू (PresVu) है. इसे मुंबई स्थित एंटोड फार्मास्यूटिकल्स (ENTOD Pharmaceuticals) ने प्रेसबायोपिया (Presbyopia ) के इलाज के लिए विकसित किया है. कंपनी ने इसके फॉर्मूलेशन और इसकी निर्माण प्रक्रिया के लिए पेटेंट के लिए आवेदन भी कर दिया है. यह कंपनी आंख, कान, नाक, गला और त्वचा से संबंधित बीमारियों की दवा बनाने में विशेषज्ञता रखती है. प्रेस्वू भारत में तैयार की गई अपनी तरह की पहली दवा है.

इस दवा के और भी कई फायदे
प्रेस्वू (PresVu) भारत में पहली आई ड्रॉप है, जिसे प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों में पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए तैयार किया गया है. ये आई ड्रॉप न केवल पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत को खत्म करता है बल्कि आंखों को ड्राई होने से भी बचाता है. हालांकि ये दवा ओवर द काउंटर उपलब्ध नहीं होगी. यह केवल पंजीकृत चिकित्सकों की पर्ची पर ही दी जाएगी.

क्या है प्रेसबायोपिया
प्रेसबायोपिया (Presbyopia) एक ऐसी स्थिति है जो दुनिया भर में 1.09 बिलियन से 1.80 बिलियन लोगों को प्रभावित करती है. प्रेसबायोपिया उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कत है, इसमें पास की चीजों पर ध्यान लगाने या देखने में परेशानी होती है.

Girl Wearing Glasses: Image: AI

खत्म होगी चश्मे की जरूरत...
इस आई ड्रॉप्स में एडवांस डायनमिक बफर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो उन्हें आंसू पीएच के लिए जल्दी से अनुकूलित करने की अनुमति देती है, जिससे इसकी दीर्घकालिक उपयोगिता सुनिश्चित होती है. इस दवा को पिलोकार्पिन का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है.

350 रुपये है दवा की कीमत
एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) निखिल के मसुरकर ने कहा, इस दवा के आने से दैनिक जीवन और उत्पादकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. यह ऐसा समाधान है जो लाखों लोगों का जीवन बेहतर बनाता है. अक्टूबर के पहले सप्ताह से ये दवा फार्मेसियों में प्रिस्क्रिप्शन के जरिए 350 रुपये में उपलब्ध हो जाएगी.
 

 

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