बोटोक्स (Botox) एक पॉपुलर कॉस्मेटिक प्रक्रिया बन गई है. इसे झुर्रियों को कम करने, चेहरे के फीचर्स को बढ़ाने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये चेहरे को जवान और स्मूथ दिखाने का काम करती है. लेकिन हाल की कुछ घटनाओं ने इसकी सेफ्टी और प्रामाणिकता पर चिंता खड़ी कर दी है. मैसाचुसेट्स की एक महिला रेबेका फडानेली की गिरफ्तारी हुई है. इसपर लोगों को नकली बोटोक्स और दूसरे फिलर्स देने का आरोप लगा है.
बोटोक्स क्या है, और यह कैसे काम करता है?
बोटोक्स बोटुलिनम टॉक्सिन का एक ब्रांड नाम है. ये क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम बैक्टीरिया से पैदा हुआ एक न्यूरोटॉक्सिन है. छोटे और कंट्रोल मात्रा में इंजेक्ट किए जाने पर, बोटोक्स चेहरे की मांसपेशियों को आराम देता है, नसों से मांसपेशियों तक पहुंचने वाले संकेतों को रोक देता है, जिससे वे सिकुड़ नहीं पाती हैं. इस प्रभाव से आंखों, माथे और मुंह के चारों ओर झुर्रियां और महीन रेखाएं नहीं बनती हैं.
असली बनाम नकली बोटोक्स: कैसे करें पहचान?
रेबेका फडानेली का मामला नकली बोटोक्स के खतरों को दिखाता है. असली और नकली बोटोक्स में अंतर करना काफी जरूरी है, इसके लिए आप अलग-अलग कदम उठा सकते हैं.
-केवल लाइसेंस प्राप्त मेडिकल प्रोफेशनल, जैसे कि डर्मेटोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन, को बोटोक्स देने की अनुमति होती है.
-असली बोटोक्स एलरगन पैकेजिंग (बोटोक्स के मूल निर्माता) में आता है. विदेशी भाषाओं में लेबल वाले या डैमेज पैकेजिंग से सावधान रहें. इंजेक्शन से पहले क्लिनिक से ओरिजिनल पैकेजिंग दिखाने के लिए कहें.
-कुछ प्रोवाइडर्स ग्राहकों को एलरगन के साथ बैच नंबर की जांच करने की अनुमति देते हैं ताकि प्रोडक्ट की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके.
-यू.एस. और भारत जैसे देशों में, बोटोक्स को सख्ती से रेगुलेट किया जाता है. केवल उन्हीं प्रोडक्ट का उपयोग करें, जो संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्वीकृत हैं. जैसे कि भारत में एफडीए या सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO).
भारत में बोटोक्स की लागत
पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में बोटोक्स ट्रीटमेंट ज्यादा किफायती हैं, लेकिन प्रोवाइडर, जगह और यूनिट्स की संख्या के आधार पर ये कीमत अलग-अलग हो सकती है. भारत में एक सामान्य बोटोक्स सेशन की कीमत ₹6,000 से ₹30,000 तक हो सकती है.
बोटोक्स कैसे दिया जाता है?
बोटोक्स इंजेक्शन का प्रोसेस काफी जल्दी वाला होता है. इसे अक्सर 15-30 मिनट के भीतर पूरा किया जा सकता है. इसके लिए डॉक्टर चेहरे पर उन जगहों का आकलन करते हैं, जहां इलाज की जरूरत है. उसे साफ किया जाता है, और असुविधा को कम करने के लिए एक टॉपिकल सुन्न करने वाला एजेंट लगाया जा सकता है. बोटोक्स को एक बारीक सुई का उपयोग करके टार्गेटेड मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जाता है.
इलाज की जगह के आधार पर इंजेक्शन की संख्या अलग-अलग होती है. रोगियों को कुछ घंटों तक इलाज किए गए क्षेत्र को रगड़ने से बचने और बोटोक्स को दूसरे क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिए सीधा रहने की सलाह दी जाती है.
इसका रिजल्ट आमतौर पर 3-7 दिनों के भीतर दिखाई देता है. अधिकतम प्रभाव दो सप्ताह के बाद होता है. प्रभाव आमतौर पर 3-6 महीने तक रहता है, जिसके बाद परिणाम बनाए रखने के लिए फॉलो-अप सेशन की जरूरत हो सकती है.
नकली बोटोक्स से बचने के लिए उपाय
कम लागत वाले बोटोक्स ट्रीटमेंट का आकर्षण कभी-कभी लोगों को गलत प्रोवाइडर के पास भेज देता है. यह जोखिम भरा हो सकता है. नकली बोटोक्स से बचने में मदद के लिए आपको पहले अपनी पूरी रिसर्च करनी चाहिए. अगर कोई ट्रीटमेंट इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के हिसाब काफी सस्ता है, तो यह नकली या असुरक्षित हो सकता है।
क्या बोटोक्स आपको सुंदर बनाता है?
खूबसूरती एक व्यक्तिगत धारणा है, और जबकि बोटोक्स झुर्रियों को कम करके और स्किन को जवान दिखाकर कुछ विशेषताओं को बढ़ा सकता है, यह कोई जादू की दवा नहीं है. कई लोग बोटोक्स ट्रीटमेंट के बाद ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करते हैं.
हालांकि, बोटोक्स कोई स्थायी इलाज नहीं है. इसमें नियमित रखरखाव की जरूरत होती है, जो महंगा और समय लेने वाला हो सकता है. कुछ मामलों में इसमें मांसपेशियों की कमजोरी, सिरदर्द, और इंजेक्शन साइट पर असुविधा जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इसलिए इसे हमेशा एक्सपर्ट की सलाह के साथ ही लें.