Fairness Cream: गोरा होने के लिए फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान...बढ़ सकता है किडनी फेल होने का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

एक नए अध्ययन के अनुसार, त्वचा की रंगत निखारने वाली क्रीमों के इस्तेमाल से भारत में किडनी की समस्याएं बढ़ रही हैं. इन क्रीम्स में मौजूद मर्करी की मात्रा हमारी किडनी के फिल्टर को नुकसान पहुंचाती है.

Fairness Cream Side effect
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

फेयरनेस क्रीम काफी लोकप्रिय प्रोडक्ट्स हैं और इनका इस्तेमाल अक्सर त्वचा का रंग गोरा करने के लिए खासकर महिलाओं द्वारा किया जाता है. वैसे तो ये क्रीम हानिरहित दिखाई देती हैं लेकिन एक नए अध्ययन से इसके शरीर पर चौंकाने वाले प्रभाव सामने आए हैं.

किडनी को पहुंचा रही नुकसान
एक नए अध्ययन में पता चला है कि उच्च मात्रा में पारा (mercury) मौजूद होने के कारण ये क्रीम आपकी किडनी पर गंभीर असर डाल सकती हैं. पता चला है कि पारा (mercury) की ज्यादा मात्रा वाली फेयरनेस क्रीम के बढ़ते उपयोग से मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी (एमएन) के मामले बढ़ रहे हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जो किडनी फिल्टर को नुकसान पहुंचाती है और प्रोटीन रिसाव का कारण बनती है. यह अध्ययन हाल ही में किडनी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

एमएन (MN) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसके चलते नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है. ये एक तरीके का किडनी डिसऑर्डर है जिसके कारण शरीर यूरीन में बहुत अधिक प्रोटीन निकालने लग जाता है.

शोधकर्ताओं में से एक केरल के कोट्टक्कल स्थित एस्टर एमआईएमएस अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. सजीश शिवदास ने एक पोस्ट में X पर लिखा, “पारा त्वचा के माध्यम से एब्जॉर्ब हो जाता है और किडनी के फिल्टर के लिए दिक्कत पैदा करता है जिससे नेफ्रोटिक सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि होती है.”

तुरंत परिणाम देने का दावा करने वाली ये क्रीम भारत की बाजारों में बहुत बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं. इनके इस्तेमाल के बाद यूजर्स को एक बात बहुत अधिक परेशान करती है कि अगर वह इसका प्रयोग रोकते हैं तो उनकी त्वचा का रंग और भी गहरा हो जाता है.

परिणाम में क्या आया
अध्ययन में जुलाई 2021 और सितंबर 2023 के बीच रिपोर्ट किए गए एमएन के 22 मामलों की जांच की गई. एस्टर एमआईएमएस अस्पताल की जब जांच की गई तो उनमें अक्सर थकान लगना, हल्की सूजन और पेशाब में झाग बढ़ने जैसे लक्षण पाए गए. केवल तीन रोगियों में गंभीर सूजन थी लेकिन सभी के मूत्र में प्रोटीन का स्तर बढ़ा हुआ था. एक रोगी को सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस यानी मस्तिष्क में रक्त का थक्का विकसित हुआ, लेकिन सभी में किडनी में समस्या थी.

इस स्टडी के रिसर्चर्स का कहना है कि इस तरह की क्रीम्स लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक नुकसानदायक हो सकती हैं इसीलिए लोगों में जागरूकता होना जरूरी है. इस वजह से इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से पहले विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके इंग्रीडिएंट्स की जांच एक बार जरूर कर लें. 

ये भी पढ़ें:

 

Read more!

RECOMMENDED