FIFA Camel Flu: कतर में बढ़ा कैमल फ्लू का खतरा...क्या हैं इसके लक्षण, फुटबॉल फैंस के लिए क्यों हैं खतरा?

कतर में फीफी वर्ल्ड कप देखने गए फैंस को इन दिनों एक नई बीमारी का खतरी सता रहा है. ऊंटों के संपर्क में आने से फैस रहे कैमल फ्लू ने सभी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. खाड़ी देशों में ऊंटों का काफी इस्तेमाल होता है इसलिए इन देशों से कैमल फ्लू फैलने का खतरा ज्यादा है.  

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST
  • सांस लेने में होती है तकलीफ
  • बढ़ी फुटबॉल फैंस की मुश्किलें

कतर से लौटने वाले फुटबॉल फैंस को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कैमल फ्लू के लक्षणों से सावधान रहने की सलाह दी गई है. यह एक तरीके का कोरोना जैसा घातक श्वसन रोग है जो बुखार, खांसी और उल्टी का कारण बनता है. फीफा विश्व कप के प्रशंसकों को COVID-19 और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) संक्रमण सहित वायरल श्वसन संक्रमण का खतरा है, जिसे कैमल फ्लू भी कहा जाता है.

कैसे फैलता है वायरस?
फुटबॉल विश्व कप 18 दिसंबर तक चलेगा और देश में खेल प्रेमियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. न्यू माइक्रोब्स एंड न्यू इंफेक्शन नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में इस पर प्रकाश डाला गया है, जिसका शीर्षक 'कतर में 2022 फीफा विश्व कप में संक्रमण का जोखिम' (Risk of infection at the 2022 FIFA World Cup in Qatar)है.

कैमल वायरस ऊंटों के साथ निकट संपर्क में आने या ऊंट के दूध से बने उत्पादों का सेवन करने से फैलता है. इसके अलावा एक संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क में आने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है. चूंकि कई फुटबॉल प्रशंसक इस समय कतर में इकट्ठा हैं और ऊंटों की सवारी का आनंद ले रहे हैं इसलिए ये खतरा और भी बढ़ जाता है.

क्या है कैमल फ्लू?
कैमल फ्लू एक तरह का वायरस है जो ऊंटों से मनुष्यों में फैलता है. खाड़ी देशों में ऊंटों का काफी इस्तेमाल होता है इसलिए इन देशों से कैमल फ्लू फैलने का खतरा ज्यादा है.  ऊंटों से ट्रांसपोर्टेशन से लेकर ऊंट का दूध, मूत्र और मांस तक इस्तेमाल किया जाता है. 

क्या हैं लक्षण?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी और दस्त जैसी परेशानी कैमल फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को हो सकती है. इसके साथ ही बुजुर्गों, किडनी के मरीज, कैंसर के मरीज, डायबिटीज के मरीजों को इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. इसके अलावा कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए भी ये फ्लू खतरनाक हो सकता है. कतर में एमईआरएस के 28 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ऊंट के संपर्क में आए थे. कतर में यह संक्रमण प्रति 10 लाख लोगों पर 1.7 है. जिन लोगों को इस बीमारी से ज्यादा खतरा है उन्हें ड्रोमेडरी (एक कूबड़ वाला) ऊंटों से दूर रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा ऐसे लोगों को ऊंट का दूध और बिना पकाया हुआ मीट खाने के भी मना किया गया है.

कैसें बचें
अभी फिलहाल इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं है. पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाना और ऊंटों से दूर रहना ही इसका बचाव है. अभी संक्रमण के आधार पर दवाएं दी जाती है. कैमल फ्लू से बचने के लिए आसपास सफाई रखें. कच्चा मीट ना खाएं और  जानवरों को छूने के बाद हाथ धोएं. इस वायरस का पहला मरीज साल 2012 में सामने आया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन को रिपोर्ट किए गए एमईआरएस के 35% मरीजों की जान नहीं बच पाई है.

 

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