इडली सांभर और राजमा चावल ने भारतीयों को कोविड-19 से बचने में की मदद, शोध में हुआ खुलासा

food habits of Indians: भारतीय शाकाहारी व्यंजन फाइबर से भरपूर होते हैं जो CO2 और LPS-mediated COVID-19 गंभीरता को रोकने का काम करते हैं.

Idli, rajma chawal
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST
  • भारत में कम देखने को मिली मृत्यु दर
  • भारतीय शाकाहारी व्यंजन फाइबर से भरपूर

इडली सांभर हो या राजमा चावल...ये वो फूड्स हैं जो हर भारतीय के जिंदगी का हिस्सा है. नॉर्थ इंडिया में जहां राजमा चावल बड़े चाव से खाया जाता है वहीं साउथ के लोग इडली सांभर और वडा नाश्ते में जरूर खाते हैं. भारतीय लोगों का ये खाना ही है जिसने कोविड जैसी गंभीर महामारी से बचाने में अहम भूमिका निभाई है. एक नए अध्ययन में कहा गया है कि इडली-सांभर और राजमा चावल उन भारतीय व्यंजनों में शामिल हैं, जिन्होंने देश में कई लोगों को कोविड-19 महामारी के दौरान मौत से बचाया है.

इसलिए भारत में कम देखने को मिली मृत्यु दर

ब्राजील, जॉर्डन, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब और भारत के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर ये अध्ययन किया है. इसे इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है. महामारी के दौरान संक्रमण और मृत्यु दर घनी आबादी वाले देशों में ज्यादा होता है लेकिन भारत के मामले में ऐसा देखने को नहीं मिला. अगर प्रति 1 लाख जनसंख्या पर मृत्यु दर की गणना करें, तो 428 लोगों के साथ भारत की मृत्यु दर घनी आबादी वाले अन्य पश्चिमी देशों की तुलना में पांच-आठ गुना कम थी.

इस शोध में भारत और पश्चिमी देशों के खान-पान के पहलुओं पर ज्यादा फोकस किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि भारतीयों में कोविड की गंभीरता और उच्च मृत्यु दर को कम करने में टीकाकरण के अलावा खान पान की आदतों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

फूड हैबिट्स पर की गई स्टडी

शोधकर्ताओं ने लो डेथ रेट और हाई डेथ रेट वाले देशों के दो ग्रुप बनाए. इन दो समूहों के बीच फूड हैबिट्स पर गौर किया गया. सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, रेड मीट, डेयरी उत्पाद, मछली, शराब, कॉफी, फल, मेवे, चाय और हल्दी जैसे कुछ फूड आइटम्स ऐसे थे जो दोनों ग्रुप्स में समान थे. बाद में इनका संबंध लो डेथ रेट वाले देशों से जोड़ा गया तो शोधकर्ताओं ने पाया, भारत की तुलना में पश्चिमी देशों के लोगों ने 10-20 गुना ज्यादा रेड मीट, पांच-सात गुना ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट, तीन-आठ गुना ज्यादा मछली, 10-12 गुना ज्यादा शराब और कॉफी का सेवन किया. वहीं भारतीयों ने प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसतन 1.2 ग्राम चाय और और 2.5 ग्राम हल्दी का सेवन किया.

भारतीय व्यंजन आयरन और जिंक से भरपूर

शोधकर्ताओं ने दक्षिण भारतीय इडली-सांभर और उत्तर भारतीय व्यंजन राजमा-चावल पर जोर डालते हुए बताया, ''भारतीय व्यंजन जैसे इडली, राजमा चावल, फलियां, और साबुत अनाज आधारित शाकाहारी खाद्य पदार्थ भारतीयों के खून में आयरन और जिंक की पर्याप्त मात्रा बनाए रखते हैं." एक इडली में आमतौर पर जिंक-सप्लीमेंटेड विटामिन गोलियों की तुलना में दोगुना जिंक होता है.

हल्दी का सेवन हर दिन करते हैं भारतीय

शोधकर्ताओं ने कहा, भारतीय शाकाहारी व्यंजन फाइबर से भरपूर होते हैं जो CO2 और LPS-mediated COVID-19 गंभीरता को रोकने का काम करते हैं. सबसे जरूरी बात ये है कि भारतीय अपने अलग-अलग खाद्य पदार्थों के जरिए से प्रतिदिन प्रति व्यक्ति लगभग 2.5 ग्राम हल्दी का सेवन करते हैं. जोकि उन्हें रोगों से लड़ने में मदद करती है.

 

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