उत्तर भारत के 5 बड़े अस्पतालों में पहली बार पायलट बर्न रजिस्ट्री तैयार की गई है. इसमें एम्स दिल्ली भी शामिल है. इसके आंकड़ों से पता चलता है कि ज्यादातर लोग घरों में जलते हैं. मरने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है. रिपोर्ट में ये भी सुझाव दिया गया है कि इस रजिस्ट्री को पूरे देश में लागू किया जाए, ताकि एक नेशनल बर्न रजिस्ट्री तैयार हो सके. इससे मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा और सरकार को इससे जुड़ी पॉलिसी बनाने और सही दिशा में जागरूकता अभियान चलाने में मदद मिलेगी.
क्या कहते हैं आंकड़े-
लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक बर्न रजिस्ट्री के डेढ़ साल के आंकड़ों के मुताबिक इन 5 बड़े अस्पतालों में डेढ़ साल के भीतर 908 लोग जलने की वजह से अस्पताल पहुंचे. इनमें 61 फीसदी पुरुष और 39 फीसदी महिलाएं थीं. रिपोर्ट के मुताबिक 48 फीसदी मरीज गंभीर रुप से झुलसे थे. उनका शरीर 20 फीसदी जल चुका था.
महिलाओं की मृत्यु दर ज्यादा-
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की मृत्यु दर ज्यादा थी. उन मामलों में मृत्यु दर सबसे ज्यादा था, जिसमें बॉडी का 40 फीसदी हिस्सा जल चुका था. सबसे हैरानी की बात ये है कि 73 फीसदी जलने की घटनाएं घर के अंदर हुईं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 88 फीसदी हादसे अचानक हुए. कई मामले आत्मदाह के भी रहे. रिपोर्ट के मुताबिक पायलट रजिस्ट्री से साफ हो गया है कि इलाज के साथ जलने की घटनाओं को भी रोकने की जरूरत है. आत्मदाह के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए महिलाओं को मानसिक और सामाजिक मदद की जरूरत है.
जलने की सबसे वजन क्या है-
रिपोर्ट के मुताबिक जलने की सबसे बड़ी वजह आग लगना था. जलने के 37 फीसदी मामले आग लगने की वजह से हुए. जबकि 28 फीसदी केस गर्म पानी या तरल पदार्थ के थे. बिजली से जलने के केस 28 फीसदी थे. रिपोर्ट के मुताबिक 88 फीसदी मामले अचानक जलने के थे.
आग की वजह-
आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट का होना हो सकता है. इसके अलावा खाना बनाते समय गैस चूल्हा खुला छोड़ देना, गर्म बिजली के उपकरणों को बंद नहीं करना भी वजह बन सकते हैं. इसके अलावा मोमबत्ती, धूपबत्ती और अगरबत्ती से आग लग सकती है.
आग से कैसे करें बचाव-
आग लगने की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी उपाए करने होंगे. इसके लिए घर में जगह-जगह स्मोक अलार्म लगाना चाहिए. इतना ही नहीं, महीने में एक बार इन अलार्म की जांच करानी चाहिए. इसके साथ ही घर से बाहर निकलने के लिए कम से कम 2 रास्ते होने चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर घर से बाहर निकलने का मॉक ड्रिल करते रहना चाहिए.
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