कोरोना का कहर जो दो साल पहले था वो धीरे-धीरे कम हो गया है. शोधकर्ताओं ने भी इससे निपटने के लिए कई तरह की वैक्सीन डेवलेप कर ली है. अब हाल ही में शोधकर्ताओं ने इम्यूनिटी का पता लगाने के लिए एक ग्लूकोज-मीटर का परीक्षण किया है. यह लोगों को SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ खुद की एंडीबॉडी चेक करने में लोगों की मदद करेगा, जो COVID-19 का कारण बनता है.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, एमआईटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड -19 से संक्रमित होने का पता ओवर द काउंटर टेस्ट से चल जाता है लेकिन अगर किसी व्यक्ति का टेस्ट रिजल्ट पॉजीटिव आता है तो घर पर यह टेस्ट नहीं किया जा सकता है कि उसके शरीर में कितने समय तक एंटीबॉडीज सक्रिय रहेंगे. अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के जर्नल में शोधकर्ताओं ने एक सरल, सटीक ग्लूकोज-मीटर-आधारित परीक्षण का वर्णन किया जिसमें एक नोवेल फ्यूजन प्रोटीन शामिल था. उन्होंने कहा कि इसकी मदद से कंज्यूमर खुद किसी दिन अपने स्वयं के SARS-CoV-2 एंटीबॉडी स्तर को देख सकेगा.
शरीर में बदलता है एंटीबॉडी का स्तर
शोधकर्ताओं ने कहा कि SARS-CoV-2 के खिलाफ टीके और वायरस के संक्रमण से भविष्य में कुछ समय के लिए संक्रमण से बचाव हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह सुरक्षा कितने समय तक चलती है. व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज का स्तर बताता है कि वह संक्रमण से कितना सुरक्षित है लेकिन इसका पता लगाने के लिए एंजाइम संबंधित इम्युनोसॉरबेंट एसे (ELISA) टेस्ट कराना होता है. इस टेस्ट के लिए महंगे उपकरण और विशेष टैक्नीशियन्स की आवश्यकता होती है.
आसानी से है उपलब्ध
शोधकर्ताओं के अनुसार, ग्लूकोज मीटर आसानी से उपलब्ध होंगे. इसके अलावा ये उपयोग करने में भी आसान होंगे और इन्हें रिमोट क्लीनिकल सर्विसेज के साथ भी जोड़ा जा सकेगा. शोधकर्ता इन उपकरणों को अन्य लक्ष्य अणुओं को समझने के लिए अनुकूलित कर रहे हैं, ग्लूकोज उत्पादन के साथ कपलिंग का पता लगा रहे हैं. इस प्रकार के विश्लेषण के लिए इनवर्टेज एक आकर्षक एंजाइम है क्योंकि यह सुक्रोज को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है, लेकिन रासायनिक दृष्टिकोण के साथ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एंजाइम को अटैच करना मुश्किल है.
शोधकर्ता यह देखना चाहते थे कि क्या इनवर्टेज और एक डिटेक्शन एंटीबॉडी दोनों से युक्त फ्यूजन प्रोटीन का उत्पादन एक परख में काम करेगा जो SARS-CoV-2 एंटीबॉडी स्तरों को ग्लूकोज मीटर के रीड करने का मौका दे. इसके लिए उन्होंने इनवर्टेज और माउस एंटीबॉडी दोनों से युक्त एक नोवेल फ्यूजन प्रोटीन का डिजाइन और उत्पादन किया जो मानव इम्युनोग्लोबुलिन (IgG) एंटीबॉडी को बांधता है. उन्होंने दिखाया कि फ्यूजन प्रोटीन इंसान के आईजीजी से जुड़ा हुआ है और सुक्रोज से सफलतापूर्वक ग्लूकोज का उत्पादन करता है.