नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होता है एक परफेक्ट स्लीप साइकिल मेंटेन करना. लेकिन पूरे हफ्ते में 2 दिन ऐसे होते हैं जब आप अपनी नींद पूरी कर सकते हैं. ये दो दिन वीकेंड हैं. नींद का लिंक हार्ट की बीमारियों से है. अब इस बात का खुलासा एक नई रिसर्च में भी हो गया है.
हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, वीकेंड में पर्याप्त नींद लेने से हार्ट की बीमारियों के जोखिम को लगभग 20% तक कम किया जा सकता है. यह अध्ययन उन लोगों के लिए आशा की किरण है, जिन्हें वर्किंग डेज में पूरी नींद नहीं मिल पाती है.
90 हजार लोगों पर हुई स्टडी
यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक बैठक में इसे स्टडी को पेश किया गया है. इस स्टडी में यूके बायोबैंक प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे 90,903 लोगों के डेटा को लिया गया. इन प्रतिभागियों में से 19,816 लोग ऐसे थे जिन्हें पूरी नींद नहीं मिल पा रही है. 14 साल तक हुई इस स्टडी में पाया गया कि जो लोग वीकेंड में अपनी नींद पूरी कर लेते हैं उनमें दिल की बीमारियों का जोखिम कम था. इन लोगों में दूसरों की तुलना में 19% कम हार्ट की बीमारी थी.
कम्पेन्सेटरी नींद को समझना
दरअसल, इस नींद को कम्पेन्सेटरी नींद कहा जाता है, यानी प्रतिपूरक. ये वो नींद होती है जो आप नींद की कमी के बाद अलग से समय निकालकर पूरा करते हैं. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम, परिवार या सामाजिक दायित्वों की वजह से लोगों को पूरे हफ्ते पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है. इस नींद को कुछ लोग वीकेंड में ज्यादा सो कर पूरा करने की कोशिश करते हैं.
स्टडी में उन लोगों पर भी ध्यान दिया गया जिन्हें पूरी नींद नहीं मिल पाती है. इसमें सामने आया कि ऐसे लोगों में हार्ट की बीमारी की शिकायत दूसरों से ज्यादा थी.
नींद है जरूरी
चीन के नेशनल सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के प्रोफेसर यानजुन सोंग इस स्टडी के प्रमुख हैं. उन्होंने द गार्जियन को बताया कि कम्पेन्सेटरी स्लीप दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करती है. स्टडी के एक दूसरे लेखक जेचेन लियू ने बताया कि आज के समाज में, आबादी का एक बड़ा हिस्सा नींद की कमी से जूझ रहा है. इन व्यक्तियों के लिए, वीकेंड के दौरान पूरी नींद लेने से दिल की बीमारियां होने की संभावना काफी कम हो सकती है.
हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि कम्पेन्सेटरी स्लीप मदद तो कर सकती है, लेकिन यह पूरे सप्ताह की नॉमल स्लीप साइकिल की पूर्ति नहीं कर सकती है.
दिल को स्वस्थ रखने के लिए नींद है जरूरी
नींद के दौरान, शरीर अलग-अलग प्रक्रियाओं से गुजरता है. इस दौरान कई चीजें होती हैं, जैसे- दिल और ब्लड वेसेल की मरम्मत और रखरखाव. नींद की कमी से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज.
जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपका शरीर अधिक स्ट्रेस हार्मोन पैदा करता है, जो आपके दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है. समय के साथ, इससे दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ता जाता है.
करीब 7 घंटे की नींद है जरूरी
दिल को हेल्दी बनाने के लिए नींद की गुणवत्ता और समय दोनों ध्यान में रखने होते हैं. एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि वयस्कों को हर रात कम से कम सात घंटे की नींद लेनी चाहिए. हालांकि, केवल समय ही नहीं बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बहुत मायने रखती है.
अच्छी नींद की गुणवत्ता का मतलब है जब आप जल्दी सो जाते हैं, रात भर बिना बार-बार जागे सोते हैं और सुबह उठने पर आराम और तरोताजा महसूस करते हैं. दूसरी ओर, खराब नींद की गुणवत्ता आपको थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करा सकती है, भले ही आपने सात घंटे या उससे ज्यादा की नींद ली हो.
नींद की गुणवत्ता में सुधार कैसे करें?
आप अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं:
1. नींद के शेड्यूल का पालन करें: हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें, यहां तक कि वीकेंड पर भी.
2. आरामदायक सोने का समय: सोने से पहले शांत करने वाली एक्टिविटी करें, जैसे पढ़ना, हॉट बाथ लेना, या गहरी सांस लेना या मेडिटेशन करना.
3. अपने सोने के माहौल को आरामदायक बनाएं: सुनिश्चित करें कि आपका बेडरूम शांत, अंधेरा और ठंडा हो. आरामदायक गद्दे और तकिए खरीदें.
4. सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें: फोन, टैबलेट और कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी आपकी नींद में बाधा डाल सकती है. सोने से कम से कम एक घंटे पहले इन डिवाइस का उपयोग करने से बचने की कोशिश करें.
5. अपनी डाइट पर ध्यान दें: सोने से पहले भारी भोजन, कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये आपकी नींद में खलल डाल सकते हैं.