मानव कोशिकाओं और चूहों पर आधारित एक नए अध्ययन में पाया गया है कि सामान्य घरेलू कीटाणुनाशकों, गोंद और फर्नीचर में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल से दिमाग के सपोर्टिंग सेल को नुकसान पहुंचता है. ये केमिकल ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स को बढ़ने से रोक देते हैं या उन्हें खत्म करने लगते हैं. ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स एक तरह का न्यूरोलॉजिकल सपोर्ट सेल है जोकि ब्रेन के सिग्नल को आगे बढ़ाता है.
स्किन के जरिए दिमाग तक पहुंचते हैं केमिकल
रिसर्च में पहचाने गए Quaternary केमिकल का इस्तेमाल कीटनाशक स्प्रे, वाइप्स और हैंड सैनिटाइजर, टूथपेस्ट और माउथवॉश में बैक्टीरिया और वायरस को मारने के लिए किया जाता है. वहीं ऑर्गनोफॉस्फेट केमिकल कपड़ों, गोंद और फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी चीजों में पाए जाते हैं. चूंकि ये फैट Soluble होते हैं. ऑर्गनोफॉस्फेट आपकी स्किन के जरिए दिमाग तक पहुंच जाते हैं.
जानिए कैसे की गई रिसर्च
इस रिसर्च में चूहों पर ऑर्गनोफॉस्फेट केमिकल लगाए गए. इसके बाद उनके दिमाग के सेल्स में इस केमिकल के स्तर की जांच की गई. रिसर्च में पाया गया कि इस केमिकल ने दिमाग की कोशिकाओं के बीच अपनी पहुंच बना ली थी. 10 दिन की खुराक के बाद चूहों के मस्तिष्क में ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स की संख्या कम हो गई थी. इसी तरह के प्रभाव दिमाग के ऑर्गेनोइड में देखे गए.
हैंड सैनिटाइजर, स्प्रे के अधिक इस्तेमाल से बचें
मानव स्टेम कोशिकाओं के समूहों को एक डिश में उगाया गया और दिमाग के विकासशील सेल्स की तरह व्यवहार करने के लिए तैयार किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑलिगोडेंड्रोसाइट्स quaternary केमिकल और ऑर्गेनोफॉस्फेट के प्रति संवेदनशील हैं. शोधकर्ता हैंड सैनिटाइजर, स्प्रे के अधिक इस्तेमाल से बचने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल का होना जरूरी है, लेकिन कुछ सैनिटाइजर में ट्रिक्लोसन होता है. ट्रिक्लोसन का इस्तेमाल कीटनाशकों को मारने में किया जाता है. इसे आपकी स्किन आसानी से ऑब्जर्व कर लेती है. ये आपके दिमाग, लीवर और मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है.