चार्टर्ड प्लेन से आया दिल, हरियाणा के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बना 40 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर

डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि यह बहुत ही जटिल सर्जरी थी. क्योंकि ब्रांडेड मरीज के शरीर से हार्ट निकलने के बाद दूसरे मरीज के शरीर में लगने के लिए केवल 6 घंटे का समय होता है. उन्होंने यह ट्रांसप्लांट करीब 4 घंटे में पूरा कर लिया.

हार्ट ट्रांसप्लांट के इस ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि महिला मरीज उनके पास 3 महीने से उपचार करा रही थीं.
gnttv.com
  • फरीदाबाद,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST
  • डॉक्टरों ने 40 मिनट में की सफल हार्ट सर्जरी
  • ग्रीन कॉरिडोर के लिए पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद कहा

हरियाणा के फरीदाबाद में राज्य का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. इसके लिए दिल्ली दिल्ली गुड़गांव और फरीदाबाद के बीच 40 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ये दूरी महज 30 मिनट में तय की गई. इसके बाद डॉक्टरों ने 40 मिनट के अंदर महिला का हार्ट ट्रांसप्लांट कर दिया. ट्रांसप्लांट होने वाला हार्ट गुजरात के वडोदरा से चार्टर्ड प्लेन में दिल्ली लाया गया था. इसमें 3.30 घंटे का समय लगा. 

डॉक्टरों ने पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद कहा
डॉक्टरों ने फरीदाबाद गुड़गांव और दिल्ली पुलिस का ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि ग्रीन कॉरिडोर बनाने के चलते हार्ट समय पर अस्पताल पहुंचा और यह सफल ऑपरेशन समय पर सफल हो पाया.

14% काम कर रहा था महिला का दिल
हार्ट ट्रांसप्लांट के इस ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि महिला मरीज उनके पास 3 महीने से उपचार करा रही थीं. उनका दिल केवल 14 परसेंट काम कर रहा था. इसलिए हार्ट ट्रांसप्लांट करना पड़ा. लेकिन हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए मैचिंग ब्रांडेड डोनर नहीं मिलने के कारण महिला 4 साल से दिल का इंतजार कर रही थी.

मुश्किल से मिला मैचिंग ब्लड ग्रुप
डॉक्टर अमित के मुताबिक बीते 6 जनवरी को सुबह नोटो (नेशनल डोनर टिशू एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) से उनके पास फोन आया कि वडोदरा गुजरात में एक महिला की मौत हुई है, जिसका ब्लड ग्रुप उनकी मरीज के ब्लड ग्रुप से मैच करता है. उन्होंने तुरंत ही मरीज को उसके पति के साथ कानपुर से फरीदाबाद ट्रांसप्लांट के लिए बुलाया.

ट्रांसप्लांट के लिए मिलते हैं सिर्फ 6 घंटे
डॉ. अमित सुबह ही एक चार्टर प्लेन से वडोदरा गुजरात के अस्पताल हार्ट लेने गए और शाम 7 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर एनके पांडे और ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि यह बहुत ही जटिल सर्जरी थी. क्योंकि ब्रांडेड मरीज के शरीर से हार्ट निकलने के बाद दूसरे मरीज के शरीर में लगने के लिए केवल 6 घंटे का समय होता है. उन्होंने यह ट्रांसप्लांट करीब 4 घंटे में पूरा कर लिया.

सचिन गौड़ की रिपोर्ट

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