Eating Plate Nutrition for Kids: कुछ ऐसी दिखनी चाहिए आपके बच्चे के खाने की प्लेट ताकि मिले पूरा पोषण, हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स की सलाह

बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए उचित पोषण महत्वपूर्ण है. हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आधी प्लेट कलरफुल सब्जियों और फलों से और आधी प्लेट साबुत अनाज और स्वस्थ प्रोटीन से भरी होनी चाहिए.

Kid's eating plate
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 01 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:40 AM IST
  • जितनी ज्यादा सब्जियां, उतना अच्छा है
  • दोनों तरह के प्रोटीन हैं जरूरी 

बच्चे का लगातार विकास होता रहे, इके लिए जरूरी है कि उन्हें पूरा पोषण मिले. उचित पोषण प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे जरूरी बिल्डिंग ब्लॉक देता है, जो स्वस्थ हड्डियों, मांसपेशियों, अंगों और टिश्यूज के विकास के लिए जरूरी हैं. बच्चे आमतौर पर वयस्कों की तुलना में ज्यादा एक्टिव होते हैं, और उन्हें अपनी शारीरिक गतिविधियों और खेलने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है. 

संतुलित आहार से कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन मिलता है जिससे दैनिक गतिविधियों, खेल और सीखने के लिए जरूरी ऊर्जा मिलती है. हार्वर्ड टी.एच. के एक्सर्ट चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने बताया कि बच्चों के खाने की थाली कैसी होनी चाहिए जिससे उन्हें संपूर्ण पोषण मिले. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चे की प्लेट में मौजूद हर एक खाने में अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स का मिश्रण होना चाहिए. 

वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, "हमारी प्लेट का आधा हिस्सा अलग-अलग कलर्स की सब्जियों और फलों से भरा हो (और उन्हें नाश्ते के रूप में चुनने) और बाकी आधे हिस्से में साबुत अनाज और स्वस्थ प्रोटीन मौजूद होना चाहिए. 

जितनी ज्यादा सब्जियां, उतना अच्छा है
एक्सपर्ट्स शरीर को सही सप्लीमेंट्स देने के लिए विभिन्न प्रकार और रंगों की सब्जियां खाने की सलाह देते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा नॉन-स्टार्च वाली और हरी पत्तेदार सब्जियां डाइट का हिस्सा होनी चाहिए. साथ ही, विशेषज्ञ आहार में ज्यादा रंगों वाले फलों को शामिल करने का सुझाव देते हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि फ्रूट जूस से ज्यादा साबुत फल या कटे हुए फल खाने चाहिए. अगर जूस लेते हैं तो एक छोटा गिलास ही लें. 

जितना कम प्रोसेस्ड अनाज, उतना बेहतर 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भोजन की थाली में लगभग 30% साबुत अनाज जैसे कि साबुत गेहूं, ब्राउन चावल और क्विनोआ और उनसे बने खाद्य पदार्थों, जैसे कि साबुत अनाज का पास्ता और साबुत अनाज से बने ब्रेड आदि होने चाहिएं. वहीं, सफेद चावल, ब्रेड, पिज्जा क्रस्ट और पास्ता जैसे प्रोसेस्ड ग्रेन्स या अनाज का सेवन करने से बचें. 

दोनों तरह के प्रोटीन हैं जरूरी 
विशेषज्ञ हेल्दी प्रोटीन पर जोर देते हैं, जो मटर, नट्स, बीज, मछली, अंडे और पोल्ट्री जैसे पशु और पौधों,  दोनों स्रोतों से प्राप्त होता है. वहीं, लाल मांस और प्रोसेस्ड मांस का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. 

क्यों पोषण के बारे में जानना है जरूरी 
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पोषण ही तय करता है कि बच्चा स्वस्थ रहेगा या नहीं. बच्चों को खाली कैलोरी खिलाने या उन्हें ऐसे फूड प्रोडक्ट न खिलाने से जिनमें उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं, उन्हें कम उम्र से ही पुरानी बीमारियों के विकसित होने का खतरा होता है.  

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 5 वर्ष से कम उम्र के 39 मिलियन बच्चे अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त थे. उके अनुसार 5-19 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों में अधिक वजन और मोटापे का प्रसार 1975 में 4% से और 2016 में सिर्फ 18% से बढ़ गया है. यह बढ़ोतरी लड़कों और लड़कियों दोनों में समान रूप से हुई है: 2016 में 18% लड़कियां और 19% लड़के अधिक वजन वाले थे. 

WHO का कहना है और इसके लिए ऐसे एनर्जी-डेंस फूड प्रोडक्ट्स का सेवन जिम्मेदार है जिनमें फैट और शुगर दोनों की अधिकता है और फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी महत्वपूर्ण वजह है. अगर कोई बच्चा दिनभर में फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करता है और हर रोज 60 मिनट की फिजिकल एक्सरसाइज करता है तो वह फिट और हेल्दी रहेगा. 

 

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