कम नींद स्वास्थ्य कर्मचारियों की मानसिक स्थिति को करती है प्रभावित : अध्ययन

नए अध्ययन में पाया गया कि खराब नींद वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों में बेहतर आराम करने वाले सहयोगियों की तुलना में अवसाद के लक्षणों की रिपोर्ट करने की संभावना दोगुनी थी. वहीं इन लोगों में मनोवैज्ञानिक संकट की रिपोर्ट करने की 50 प्रतिशत अधिक और चिंता (anxiety) की रिपोर्ट करने की संभावना 70 प्रतिशत अधिक थी.

Healthcare workers with poor sleep pattern
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST
  • तनाव के कारण नौकरी छोड़ रहे लोग
  • नींद पर भी पड़ रहा महामारी का प्रभाव

हाल के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हेल्थ केयर वर्कर्स की नींद के पैटर्न पर कोविड -19 महामारी के प्रभाव और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नींद की गड़बड़ी के संभावित हानिकारक परिणामों का अध्ययन किया है. यह अध्ययन 'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ' में प्रकाशित हुआ है.

नए अध्ययन में पाया गया कि खराब नींद वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों में बेहतर आराम करने वाले सहयोगियों की तुलना में अवसाद के लक्षणों की रिपोर्ट करने की संभावना दोगुनी थी. वहीं इन लोगों में मनोवैज्ञानिक संकट की रिपोर्ट करने की 50 प्रतिशत अधिक और चिंता (anxiety) की रिपोर्ट करने की संभावना 70 प्रतिशत अधिक थी.

तनाव के कारण नौकरी छोड़ रहे लोग
कोलंबिया विश्वविद्यालय वैगेलोस कॉलेज में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर, अध्ययन के प्रमुख लेखक मारवाह अब्दुल्ला ने कहा, "अभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों का एक बड़ा प्रतिशत तनाव के कारण अपनी नौकरी छोड़ रहा है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की कमी हो रही है." अब्दुल्ला ने कहा, "काम पर कम कर्मचारियों की वजह से बचे हुए कर्मचारियों को अधिक और लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ता है, जिससे उनकी नींद की समस्या और तनाव बढ़ जाता है."

नींद पर भी पड़ रहा महामारी का प्रभाव
कोलंबिया विश्वविद्यालय इरविंग मेडिकल सेंटर के एक हृदय रोग विशेषज्ञ अब्दुल्ला ने 2020 की शुरुआत में पहली बार देखा कि कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल कर्मी अत्यधिक तनाव में रहे हैं. एक चिकित्सक-वैज्ञानिक के रूप में, उन्होंने अध्ययन के लिए एक टीम का गठन किया. नींद पर महामारी के प्रभाव पर विशेष जोर देने के साथ स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की तनाव के प्रति प्रतिक्रिया भी दर्ज की.

काम पर वापसी के बाद कम हुई समस्या
न्यूयॉर्क शहर में महामारी के दौरान अब्दुल्ला और उसके सहयोगियों ने स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की नींद की आदतों और मनोवैज्ञानिक लक्षणों के सर्वेक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की. अगस्त में प्रकाशित समूह के पहले पेपर में नींद के आंकड़ों का सारांश दिया गया था, जिसमें दिखाया गया था कि 70 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों में महामारी की पहली लहर के दौरान कम से कम मध्यम अनिद्रा (moderate insomnia)के लक्षण थे. हालांकि कोविड मामलों की संख्या के साथ-साथ उस संख्या में गिरावट आई, 10 में से लगभग चार अभी भी 10 सप्ताह बाद अनिद्रा के लक्षणों से पीड़ित थे. जब पहली कोविड लहर खत्म हो गई थी और काम  शुरू हुआ तो अधिकतर लोग सामान्य स्तर पर वापस आ गए. 

रोगी की देखभाल में भी हो सकती हैं गलतियां
खराब नींद न केवल रोगी की देखभाल को प्रभावित करती है. अब्दुल्ला ने कहा, "हम जानते हैं कि नींद की कमी हमारे रोगियों की देखभाल की गुणवत्ता को कम करती है और इस दौरान इलाज में भी कुछ गलतियां हो सकती हैं. इससे अवसाद और चिंता के लक्षण भी बढ़ सकते हैं. वहीं दूसरे अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि खराब नींद लेने वाले लोगों में अच्छी नींद लेने वालों के मुकाबले तनाव, चिंता और अवसाद का स्तर ज्यादा था.

 

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